डूंगरपुर। जिले के गलियाकोट तहसील में किसानों ने खरीफ फसल 2024 के खराबे की रिपोर्ट तैयार करने वाले पटवारियों और गिरदावरों पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए हैं। किसानों ने खराबे की गिरदावरी रिपोर्ट को गलत बताते हुए गलियाकोट तहसील कार्यालय पर प्रदर्शन किया। तहसीलदार को कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर गिरदावरी वापस करवाने की मांग की है।
भारतीय किसान संघ तहसील गलियाकोट अध्यक्ष लल्लु राम बिजोला ने बताया कि खरीफ फसल 2024 की गिरदावरी गलियाकोट तहसील के पटवारियों द्वारा किया गया है। वो किसानों को मंजूर नहीं है। सिर्फ 5 गांवों को छोड़कर बाकी गांवों में पटवारियों ने सिर्फ ऑफिस में बैठकर रिपोर्ट बनाकर शून्य प्रतिशत फसल खराबा बताकर तहसीलदार को रिपोर्ट दी गई है। उसके बाद तहसील की ओर से जिला प्रशासन को 4.81 प्रतिशत तहसील का औसत खराबा भेज दिया गया है, जबकि पूरी तहसील में किसानों की फसल 50 से 70 प्रतिशत तक खराब हुई है। नियमानुसार 33 प्रतिशत से कम खराबा दर्ज कर राज्य सरकार को भेजा जाता है। तो सरकार की ओर से किसानों को आपदा से फसल खराबा राशि नहीं दी जाती है। ऐसे में इन सभी पटवारियों और गिरदावरों की वजह से गलियाकोट तहसील के 42 गांवों के हजारों किसानों को 15 करोड़ रुपए खराबा राशि से वंचित होना पड़ेगा। किसानों ने सभी पटवार मंडलों के दोषी पटवारियों और गिरदावरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने और गिरदावरी को वापस रिवाइस करवाकर किसानों को राहत देने की मांग रखी है। वहीं मांग पूरी नहीं होने पर आने वाले दिनों में बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।