दौसा। सांसद मुरारीलाल मीणा ने सोमवार को डॉ. भीमराव अम्बेडकर पर टिप्पणी के मामले में गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधा और इस्तीफे की मांग की। उन्होंने दौसा में मीडिया से बातचीत में कहा- 18वीं लोकसभा का शीतकालीन सत्र भाजपा द्वारा संविधान और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के अपमान के लिए देश के संसदीय इतिहास में दर्ज हो गया है।
भाजपा हमेशा लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों के प्रति तिरस्कार दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ती है और इस बार तो हद ही पार कर दी।
उन्होंने कहा- संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन के दलों ने संसद में सरकार से संविधान पर चर्चा की मांग रखी। लेकिन अडानी, मणिपुर, संभल जैसे मामलों पर सदन में बहस की मांग लगातार ठुकराए जाने के बाद प्रतिपक्ष की संविधान पर चर्चा की मांग मान ली गई।
इस मौके पर कांग्रेस समेत सभी दलों ने सरकार को लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्य याद दिलाए। समता, समानता और न्याय के डॉ. अंबेडकर के आदर्शों पर चलने की सलाह बीजेपी को रास नहीं आई।
सांसद ने कहा- गृहमंत्री अमित शाह ने डॉ. अंबेडकर का अपमान कर बीजेपी की मनुवादी मानसिकता उजागर कर दी। दुख की बात यह है कि प्रधानमंत्री ने अमित शाह को सीख देने की बजाय आरोप-प्रत्यारोप के राजनीति तेज कर दी। कांग्रेस समेत प्रतिपक्ष ने अमित शाह के इस्तीफे की मांग की है, लेकिन सरकार अंबेड़कर के अपमान को अपराध मानने को तैयार नहीं है। उल्टे बीजेपी ने संसद की कार्रवाई ठप रखी।
उन्होंने कहा- बीजेपी ने षड्यंत्र के तहत नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ संगीन धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करा दी गई। बीजेपी हमेशा से डॉ. अंबेडकर और संविधान विरोधी रही है। इन्होंने न सिर्फ संविधान के निर्माण के समय से ही विरोध किया। ऐसे में जब तक गृहमंत्री इस्तीफा नहीं देंगे तब तक विरोध जारी रहेगा। इस दौरान पीसीसी सचिव कमल मीणा, जिलाध्यक्ष रामजीलाल ओढ़, दौसा प्रधान प्रहलाद मीणा समेत कई कांग्रेसी नेताओं की मौजूदगी रही।