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July 7, 2025 12:32 am


देश संविधान से चलता है, संघी विधान से नहीं : लालचंद देसाई बोले- बीजेपी नौटंकी करके देश को गुमराह कर रही, चुनाव के वक्त इमोशनल गेम खेलते

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

अजमेर कांग्रेस सेवा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालचंद देसाई मंगलवार को अजमेर पहुंचे। देसाई ने सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा। इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश संविधान से चलता है, संघी विधान से नहीं। भाजपा सिर्फ नौटंकी करके देश की जनता को गुमराह कर रही है। चुनाव के वक्त इमोशनल गेम खेलने का काम भारतीय जनता पार्टी करती है।

सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालचंद देसाई ने कहा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का देश की संसद के अंदर जिम्मेदार पद पर रहने वाले देश के गृहमंत्री ने जिन शब्दों से अपमान किया उस देश की जनता, कांग्रेस के कार्यकर्ता व नेता बहुत आहत है। साथ ही सभी राजनीतिक पार्टियों भी आहत है। सवाल यही है कि यह ऐसा कर क्यों रहे हैं।

देश संविधान से चलता है, संघी विधान से नहीं

देसाई ने कहा कि लगातार हम हम लोग कहते है की जो दिल में था वह जुबान पर आ गया। वह दिल में इसलिए था क्योंकि उनके जहन में जहर भरा हुआ है। आरएसएस की शाखों के अंदर देश के संविधान के खिलाफ संविधान के रचयिता बाबा साहब के खिलाफ, महात्मा गांधी के खिलाफ राष्ट्रगान के खिलाफ और देश के तिरंगे के खिलाफ लगातार जिस प्रकार से आरएसएस की शाखों में झूठ का प्रचार करके बोल मानस से लेकर युवाओं में जो जहर डाला जाता है उसका यह नतीजा है अमित शाह के यह शब्द। हम इनको कहते हैं तुम गौड़से गौड़से कहते रहो तुम हिंसा और नफरत फैलाते रहो हम अंबेडकर अंबेडकर कहते रहेंगे और संविधान संविधान बोलते रहेंगे। देश संविधान से चलता है संघी विधान से नहीं चलता है।

बीजेपी नौटंकी करके देश को गुमराह कर रही

देसाई ने कहा कि बाबा साहब, सुभाष चंद्र बोस सहित हर किसी ने चेताया था कि यह आरएसएस का गोत्र जो हिंदू महासभा से निकला है, चाहे हिंदू महासभा हो या उस समय की मुस्लिम लीग पार्टी हो। इन दोनों संगठनों ने देश में नफरत फैलाकर देश के अंदर एक दूसरे के खिलाफ आशंका पैदा करने का काम किया है। दूसरे दिन देश के प्रधानमंत्री अमित शाह का बचाव भी करते हैं।

उन्होंने कहा कि हमारी संसद में देश आजाद हुआ तब से लेकर कई दशक तक जो चर्चाएं होती थी वह विभिन्न मुद्दों पर होती थी। लेकिन आज देश में कटेंगे तो बाटोगे पर चर्चा हो रही है। लेकिन बोलना चाहिए कि पढ़ेंगे लिखेंगे तो आगे बढ़ेंगे। लेकिन यह यह नहीं बोलकर कटेंगे तो बटेंगे बोल रहे हैं। क्योंकि इनके दिमाग में काटना बाटना यह सोच दिमाग में है। संसद में चर्चा की गरिमा भी गिरती जा रही है।

संसद के बाहर जो हुआ वह भी देखने लायक था। बाबा साहब का अपमान करने के बाद सारी राजनीतिक पार्टियों अपना प्रोटेस्ट तस्वीर हाथ में लेकर प्रोटेस्ट कर रहे थे। दूसरी तरफ से संघी गुंडे जो आज सांसद बन गए हैं वह संघी गुंडे हाथ में डंडा लेकर आते हैं और उन्होंने सामने से धक्का मुक्की की थी। इस देश के अंदर महिलाओं पर बच्चियों पर बलात्कार करने वाले कैबिनेट मिनिस्टर होते हैं। उनको नहीं निकाला जाता है। लेकिन इस देश के संविधान को बचाने की बात करने वाले राहुल गांधी पर हत्या की साजिश का मुकदमा दर्ज हो जाता है और वह भी चंद घंटे के अंदर। सभी ने यह नौटंकी देखी है। जिस सुबह तक चोट ठीक नहीं लगी थी रात तक पूरे सिर पर पट्टियां लग चुकी थी। जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि यह कितना नौटंकी कर कर देश को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।

बीजेपी इमोशनल गेम खेल रही

देसाई ने कहा कि गुजरात में एक और शर्मनाक घटना देखने को मिली। बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा की नाक को तोड़ दिया गया। यह चाहते हैं कि बाबा साहब का हम नाक काटेंगे। उन्होंने कहा कि भारत माता के हर सपूतों का अपमान करके क्या साबित करना चाहते हैं कि यह देश मनुस्मृति मानने वाले या संघी विधान मानने वालों से चलेगा तो यह बहुत बड़ी गलतफहमी में है। 400 पार का नारा लगाने पर जनता ने 240 पर निपटाय है। आने वाले समय में देश की जनता ऐसा जवाब देगी कि गलत जगह पर उंगली उठाई है।

उन्होंने कहा कि ऐसी भाषा बोलने के लिए इतनी ज्यादा ताकत पता नहीं कहां से आती है। यह ताकत आज का जो देश का बादशाह है, वह लगातार इस तरह बोलने वाले प्रमोट कर रहा है। चाहे वह असम, उत्तर प्रदेश और हिमाचल का मुख्यमंत्री हो।

देसाई ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी चुनाव में लोगों के मानस और इमोशन से खेलने का काम कर रही है। चुनाव आते ही उनकी भाषा कब्रिस्तान, काटने और बाटने की होती है। हिंदू और मुसलमान की बात को लेकर नफरत का बीज भोगने का काम करते हैं। बाकी जरूरी मुद्दों पर ध्यान भटका कर चुनाव लड़े जाते हैं। चुनाव आते ही एक दो महीने की रेवड़ियां बात देते है वह सभी ने देखी है। बीजेपी के लिए चुनाव और सत्ता ही सब कुछ है। उन्होंने कहा कि हम कठिन पिच पर खेल रहे हैं और वह आसान पिच पर खेल रहे हैं।

कांग्रेस संविधान और संवैधानिक संस्थाओं के लिए लड़ेगी

देसाई ने कहा कि पुलवामा में हमारे देश के जवान शहीद हुए। जिसकी सुरक्षा जांच करके आज तक कुछ नहीं हो पाया और दूसरी तरफ दो धक्के लगे या नहीं लगे उसके ऊपर जांच कमेटी बैठा रहे हैं। इनका मकसद यही है कि देश का जवान हो किसान हो मजदूर हो जनता हो कोई भी प्रताड़ित हो बस उनकी सत्ता बनी रहनी चाहिए। वह हमेशा इमोशनल खेलते हैं। लेकिन कभी-कभी वह फायदा ले जाते हैं। कांग्रेस पार्टी ने कभी सत्ता की लड़ाई नहीं लड़ी है। कांग्रेस संविधान और संवैधानिक संस्थाओं के लिए लड़ेंगे।

कांग्रेस में हर कार्यकर्ता आवाज उठा सकता है

आपसी लड़ाई के सवाल पर देसाई ने कहा कि हम भजनमंडली नहीं है। यह राजनीतिक संगठन है। राजनीतिक संगठन में सबकी महत्वाकांक्षाएं होती है। भजन मंडली होती तो कोई हारमोनियम बजता तो कोई तबला और सबका सुरूर एक होता। राजनीतिक दलों में ऐसा होता रहता है। लेकिन उधर तो एक चकरी शान है। एक की आवाज के सामने लाखों कार्यकर्ताओं की आवाज दब जाती है। लेकिन कांग्रेस का कार्यकर्ता आवाज उठा सकता है।

आरएसएस में अभी कन्फ्यूजन चल रहा

देसाई ने अजमेर दरगाह के सवाल पर कहा कि इस बारे में मोहन भागवत से चर्चा करनी चाहिए। क्योंकि कंफ्यूजन में सभी लोग हैं। आरएसएस में अंदर-अंदर बहुत कन्फ्यूजन चल रहा है। शंकराचार्य कुछ कहते हैं मोहन भागवत कुछ कहते हैं। आरएसएस जो नफरत का बाजार देश में घोल रही है, उनको पहले क्लियर होने देना है कि वह करना क्या चाहते हैं। उनकी सोच और दिमाग में जहर कहां-कहां है उनसे पूछना चाहिए।

पूर्व मंत्री के पति ने जताई नाराजगी

सर्किट हाउस में कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालचंद देसाई की प्रेस कांफ्रेंस आयोजित हुई थी। कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के कई पदाधिकारी और नेता शामिल हुए। इस बीच पूर्व मंत्री नसीम अख्तर के पति इंसाफ अली ने विरोध जताया। इंसाफ ने बिना नाम लिए कांग्रेस नेता गोपाल बाहेती पर नाराजगी जाहिर की। इंसाफ ने कहा कि जो कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ता है, उठाओ इनको यहां से, वहीं कांग्रेस नेता रामचंद्र चौधरी ने इंसाफ को मीडिया के सामने शांति बनाए रहने के लिए कहा तो इंसाफ ने उन्हें जवाब देते हुए कहा कि आप वकील मत बनो। बाद में समझाइए इसके बाद मामला शांत हुआ।

बता दे की विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर गोपाल बाहेती ने पुष्कर विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ा था।

Author: JITESH PRAJAPAT

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