बाड़मेर। राजस्थान सरकार के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि 19 जिले बनाने में पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि बिना किसी प्रक्रिया के 19 जिले बना दिए। जिला कमेटी के अध्यक्ष विदेश में घूम रहे थे पीछे विधानसभा में अंधाधुंध जिले बना दिए। राजस्थान इतिहास में सबसे अधिक बचकाना काम माना जाएगा, इससे राजस्थान की इमेज खराब हुई है। एसआई भर्ती के मगरमचछों को फंसाने के जाल बुना जा रहा है। सबूत जुटाए जा रहे है सबूत मिलने पर कितना भी बड़ा आदमी क्यूं नहीं हो उसका बख्शा नहीं जाएगा।
दरअसल, सरकार के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग एक दिवसीय दौरे पर बाड़मेर पहुंचे। बाड़मेर संस्कृत स्कूल सहित अलग-अलग सामाजिक प्रोग्रामों में शिकरत कर रहे है। इस दौरान गर्ग बीजेपी कार्यकर्ताओं और समाज के बंधुओं ने माला व साफा पहनाकर स्वागत किया था।
19 जिले बनाना इतिहास में सबसे अधिक बचकाना काम माना जाएगा, राजस्थान की इमेज हुई खराब
गर्ग ने कहा कि एक गांव बनाना होता है उसके लिए मैंने एक लिस्ट कलेक्टर को भेजी थी। जिसमें 5-7 गांव बनाने थे। कलेक्टर ने कहा कि टाइम लगेगा। तब मैंने कहा कि कितना टाइम और क्यूं लगेगा। पहले पटवारी और आरआई को भेजकर नक्शा बनाएंगे। कौन-कौन सा खसरा इसमें आएगा, कौनसे गांव में कौनसा खसरा जाएगा। उस नक्शे को अखबार में जारी करेंगे। उस गांव के लोगों की आपत्तियां मांगेंगे। अड़ोस-पड़ोस के गांव को किसी की आपत्ति हो तो दे सकता है। इसके लिए 15 दिन का टाइम लगेगा। उन आपत्तियां का निस्तारण करने के बाद फिर फाइनल प्रस्ताव सरकार को भेजेंगे। एक गांव बनाने के लिए इतनी लंबी प्रक्रिया होती है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 19 जिले बना दिए बिना किसी प्रक्रिया के। जिला बनाने की जो कमेटी बनाई थी। वो कमेटी का अध्यक्ष विदेश में घूम रहा है। उन्होंने कोई रिपोर्ट दी नहीं। महीने-डेढ़ माह से विदेश में बैठै है। उनके आने से पहले विधानसभा में अंधाधुंध जिलो की घोषणा की। राजस्थान के इतिहास में सबसे अधिक बचकाना काम माना जाएगा। इसमें राजस्थान की इमेज भी खराब हुई है। ऐसे कोई जिले नहीं बनते है। सोच-समझकर जिले बनाए जाते है। बालोतरा बहुत पुरानी डिमांड थी। बालोतरा, फलौदी, ब्यावर, कोतपुतली, डीडवाना वाजिब थे जिला बनने चाहिए थे। लेकिन बहुत सारे जिले ऐसे बना दिए गए जो न तो कोई कल्पना थी उनके दिमाग में। रास्ते चलते किसी ने भी राजनीति दबाव बनाया और उसका जिला बना दिया। सांचौर को लेकर बड़ा मजाक बना दिया।
सुखराम विश्नोई को नींद में सो रहे थे, अशोक गहलोत ने जगाकर सांचौर जिला बनाया
गर्ग ने कहा कि अशोक गहलोत खुद का बयान है कि राज्यमंत्री सुखराम विश्नोई रात में सो रहे थे, मैंने उनको जगाया और आ जाओ सांचौर आपका जिला बना देते है। जब ऐसे जिले बनेंगे उसका समापन भी ऐसे ही होगा। सरकार ने बहुत सोच-समझकर काम किया है। बाड़मेर जिले के मूल निवासी ललित के पंवार कमेटी को जिलों का काम सोंपा गया। उनके साथ में और टीम लगाई गई। एक-एक जिले में जाकर दौरा किया। जनप्रतिनिधियों से चर्चा की है। जनता और सरकारी अधिकारियों से चर्चा की है। उसके बाद उन्होंने रिपोर्ट दी है कि यह 9 जिले रहने लायक नहीं है। उस रिपोर्ट के आधार पर मंत्रिमंडल ने निर्णय किया।
विपक्ष का काम है आरोप लगाना लगाते रहेंगे
डीग जिले को लेकर लग रहे आरोप पर जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि डीग जिले को लेकर उस कमेटी ने रिपोर्ट दी है। उन्होंने कुछ न कुछ जस्टिफाइड किया हाेगा। इसलिए किया है। आरोप लगाना बहुत आसान होता है। विपक्ष में बैठे उनका काम ही आरोप लगाना है। उनके पास काम नहीं है। जो भी किया है सोच-समझकर किया है। आधार व लॉजिकल तर्क संगत तरीके से किया है।
खुद की लापरवाही से बच्चे खतरे में पड़ते है फिर सारी जिम्मेदारी सरकार पर
9 दिन से फंसी मासूम के सवाल पर गर्ग ने कहा कि सरकार को नहीं समाज को करना चाहिए। जो बोरवेल खुदवाता है। उसको ऊंचा लेकर बंद क्यूं नहीं करवाता है। जमीन के समानंतर क्यूं रखता हे। खुद के खेत में गिरी होगी। पड़ोस के खेत में तो गिरी नहीं होगी। लोगों को बोरवेल को जमीन से ऊंचा और ढक कर रखना चाहिए। 99 प्रतिशत हमारी खुद की लापरवाही से खुद के बच्चे खतरे में पड़ रहे है। फिर सारी जिम्मेदारी सरकार पर है। आरोप सरकार पर है। यह हमको जागरूक होना पड़ेगा। बोरवेल बनाने वालों को जागरूक होना पडृ़ेगा। हमारे बच्चों की जिंदगी बहुत कीमती है। यह बहुत दुखद घटना है। 9 दिन बच्ची अंदर फंसी हुई है। हिम्मत है वो अभी तक जिंदा है। सरकार पूरी ताकत से वहां पर लगी हुई है। बाहर निकालने के प्रयास किए जा रहे है।
एसआई भर्ती सरकार सोच-समझ कर निर्णय करेगी
एसआई भर्ती को लेकर पूछ सवाल पर गर्ग ने कहा कि उसमें पूरी जांच हो रही है। बहुत गंभीर विषय है। बहुत सारे नौकरी लग चुके है। उसमें कुछ ऐसे भी होंगे जो गड़बड़ी में लगे है। कुछ ऐसे भी है जो वास्तव में पढ़ाई करके आए है। उनके साथ अन्याय नहीं हो जाए। सही निर्णय हो। सर्वमान्य निर्णय हो जाए। सरकार गंभीरता से सोच-विचार करके निर्णय करेंगी। पूर्ववर्ती सरकार की तरह से अचानक से पेपर रद्द कर दिया ऐसा हम नहीं करेंगे। एक साल में जितने एग्जाम हुए उसमें एक भी पेपर लीक या आरोप नहीं लगें है।
मगरमच्छ को फंसाने की जाल बुनना पड़ता है
विपक्ष में भाजपा नेता बोलते थे बड़े मगरमच्छ फसेंगे इस सवाल पर मुख्य संचेतक ने कहा कि मगरमच्छ को फंसाना है तो मजबूत जाल बुनना पड़ेता है कमजोर जाल में बच कर निकल जाएगा। फिर शेर बनकर सामने आएगा। जाल गुथे जा रहे है। सबूत ढूंढें जा रहे है। सबूत जिसके भी खिलाफ मिल जाएंगे। कितना भी बड़ा आदमी होगा वह नहीं बचेगा।
निर्दलीय विधायक विपक्ष की राह पर चलेगा तो उससे उस ढ़ग से बात की जाएगी
जोगेश्वर गर्ग ने एक सवाल के जवाब में कहा कि बीजेपी के विधायक है जो सिंबल पर जीता हुआ है। उसको तो कोई दिक्कत ही नहीं है। निर्दलीय जीते हुए कितना तालमेल सरकार के साथ है। वो कितना सरकार को समर्थन करते है। उनके अनुसार सरकार भी उनका सहयोग करती है। उनका मान सम्मान रखेगी। जो सहयोग नहीं करेगा। विपक्ष की राह पर चलेगा उसको उस ढ़ग से बात की जाएगी। लेकिन रही बात विकास की विकास विधायक के लिए नहीं होता है। जनता के लिए होता है। जहां हमारा प्रत्याशी नहीं जीता है निर्दलीय जीता या अन्य पार्टी से जीता है वहां भी जनता की कोई आवश्यकता है तो उसको अनदेखा नहीं किया जाएगा। समान तरीके से विकास किया जाएगा।