बांदीकुई (दौसा)। सरिस्का टाइगर रिजर्व से निकलकर एक टाइगर करीब 29 किलोमीटर दूर बांदीकुई (दौसा) एरिया में पहुंच गया। कल सुबह 7.30 बजे महुखुर्द गांव (दौसा) में टाइगर ने एक महिला समेत 3 लोगों पर हमला कर दिया था। कल शाम अंधेरा होने तक सरिस्का और रणथंभौर टाइगर रिजर्व की टीमें बाघ की तलाश में जुटी थी। गुरुवार को टाइगर के पगमार्क अलवर जिले के करणपुरा गांव में सरसों के खेतों में मिले। यह एरिया सरिस्का टाइगर रिजर्व से 38 किमी दूर है।
बांदीकुई रेंजर दीपक शर्मा ने बताया- गुरुवार सुबह टाइगर (एसटी-2402) की लोकेशन ट्रेस करने के लिए टीम ने अभियान फिर शुरू किया। इस दौरान टाइगर की लोकेशन दौसा के महुखुर्द गांव से 2 किमी दूर करिरीया गांव में मिली। इसके बाद उसके लोकेशन दौसा के दुब्बी गांव से होते हुए अलवर जिले के करणपुरा गांव तक पहुंच गई है। यहां टीम की ओर से ट्रैप के लिए पिंजरा लगाया गया है।
करणपुरा गांव (अलवर) में खेतों में टाइगर के पगमार्ग मिलने के बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि आज रात तक टाइगर फिर से सरिस्का एरिया में लौट सकता है। उधर, टाइगर की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद बुधवार रात बांदीकुई और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में दहशत का माहौल रहा। लोग अपने-अपने घरों में बंद रहे।
बुधवार सुबह किया था महिला और दो लोगों पर हमला
सरिस्का से निकलकर टाइगर ST 2402 बुधवार सुबह महुखुर्द गांव (बांदीकुई, दौसा) पहुंच गया था। यहां सुबह 7.30 बजे टाइगर ने एक महिला और दो लोगों पर हमला कर दिया था। तीनों का इलाज जयपुर में चल रहा है।
कल देर शाम तक टाइगर को ट्रेंकुलाइज करने की कोशिश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली। रणथंभौर से बुधवार रात टीम दौसा मौके पर पहुंची। सरिस्का और रणथंभौर टीमों ने महुखुर्द के आसपास और पलासन नदी एरिया में टाइगर को तलाश किया।
पगमार्ग के आधार पर टाइगर की तलाश की गई। अंधेरा होने के कारण अभियान को रोक दिया गया।
रेंजर दीपक शर्मा ने बताया- टाइगर की उम्र 4 साल है। कल उसे तीन बार ट्रैंकुलाइज करने की कोशिश की गई, लेकिन निशाना नहीं लगा। कल महुखुर्ग गांव से सुबह 11 बजे टाइगर पलासन नदी एरिया की तरफ भागा था। कल टाइगर ने महुखुर्द गांव निवासी उगा देवी, विनोद और बाबूलाल को हमला कर घायल कर दिया था। कल दोपहर 3.45 बजे पलासन नदी एरिया में सरसों के खेत में पगमार्क मिले थे।
अलवर रेंजर शंकर सिंह ने बताया- यह टाइगर सरिस्का जंगल से निकलकर मंगलवार रात को 30 किलोमीटर दूर रैणी कस्बे के देवती का बास गांव पहुंच गया था। मंगलवार की रात यहां से चलकर यह बुधवार सुबह दौसा के महुखुर्द गांव पहुंच गया था। ट्रैंकुलाइज करने के बाद इसे सरिस्का में छोड़ा जाएगा।