बीकानेर। जिले के पीबीएम हॉस्पिटल में युवक को गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने हंगामा किया। परिजनों और ग्रामीणों ने शव लेने से मना कर दिया और 50 लाख रुपए मुआवजा देने और दोषी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। देहात कांग्रेस भी इस धरने में शामिल हो गई।
नोखा के दावां गांव में रहने वाले हणुताराम (30) के शरीर में एलर्जी हो गई थी। पीबीएम में शुक्रवार शाम मौत हो गई।
पीबीएम में इलाज नहीं मिलने का लगाया आरोप
युवक के पिता दुलाराम मेघाल का कहना है- बेटे को एलर्जी होने पर डॉ. सुभाष नैण को दिखाया गया था। अपने निजी क्लिनिक में डॉक्टर ने एक इंजेक्शन लगाया था। इससे पूरे शरीर में इंफेक्शन हो गया।
इस पर वापस डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने कुछ ट्यूब और टेबलेट्स दी। इसके बाद भी ठीक नहीं हुआ तो नोखा के सरकारी हॉस्पिटल में दिखाया, जहां से पीबीएम हॉस्पिटल रैफर किया गया। पीबीएम में शुक्रवार को मरीज का समय पर इलाज नहीं हो सका और मौत हो गई।
परिजनों ने दिया धरना
युवक की मौत के बाद परिजनों ने शव लेने से मना कर दिया। उन्होंने दोषी डॉक्टर पर कार्रवाई और मुआवजे की मांग की। धरना स्थल पर देहात कांग्रेस अध्यक्ष बिशनाराम सियाग भी पहुंचे। बिशनाराम ने कहा- मृतक महज 30 साल का था। उसके परिवार में पत्नी और बच्चे भी है। डॉ. सुभाष नैण और पीबीएम हॉस्पिटल के डॉक्टरों की लापरवाही से मौत हुई है।
परिजनों की ये है मांग
- दोषी डॉक्टर तुरंत गिरफ्तार हो
- परिवार को 50 लाख रुपए का मुआवजा मिले
- परिवार के एक सदस्य को संविदा नौकरी मिले