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February 9, 2025 3:34 am


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कुछ और प्लानिंग करते तो समरावता घटना नहीं होती:राष्ट्रीय SCST आयोग के सदस्य निरुपम चकमा बोले- घटनाक्रम गंभीर, आयोग निष्पक्ष विचार रखेगा

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

टोंक। अधिकारियों की बैठक लेते राष्ट्रीय अनुसूचित, जनजाति आयोग के सदस्य अनुपम चकमा (बीच में काले कोट में) । साथ में कलेक्टर, SP भी मौजूद रहे। राष्ट्रीय अनुसूचित, जनजाति आयोग के सदस्य निरुपम चकमा ने कहा है कि समरावता में ग्रामीणों के साथ जो घटना हुई, वह घटनाक्रम गंभीर है। प्रांरभिक तौर पर सामने आया कि अगर गंभीरता से कुछ और विचार करते, कुछ प्लानिंग करते तो यह घटना नहीं होती।

समरावता प्रकरण को लेकर दो दिवसीय दौरे पर आए राष्ट्रीय अनुसूचित, जनजाति आयोग के सदस्य चकमा ने अधिकारियों की बैठक लेने के बाद देर रात को मीडिया से बातचीत में कहा कि इस मामले निष्पक्ष कार्रवाई होगी। आयोग निष्पक्ष विचार रखेगा।

समरावता में जाकर ग्रामीणों से बात की जाएगी। जो भी शिकायत आएगी, उसमें गंभीरता से विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं अभी इस मामले को समझ रहा हूं। क्या इसमें बाहरी ताकतों का तो हाथ नहीं है, इसका भी पता किया जाएगा। प्लानिंग के तहत इस घटना को अंजाम तो नहीं दिया। इसकी भी जांच की जाएगी।

उन्होंने कहा कि आयोग को गत दिनों शिकायत मिली थी कि पुलिस ने ग्रामीणों के साथ बर्बरता की है। इसकी जांच करने आया हूं। इसमें एक पक्ष प्रशासन, पुलिस आदि से बात हुई है। अब समरावता में जाऊंगा, जहां पीड़ित पक्ष से बात की जाएगी । उसके बाद इस पूरे मामले पर निष्पक्ष रिपोर्ट आगे दी जाएगी।

13 नवंबर को देवली उनियारा विधानसभा के उपचुनाव के लिए मतदान हुआ था। इसमें समरावता गांव के लोगों ने उनके गांव को उनियारा उपखंड कार्यालय में शामिल करने की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार कर रखा था। उस समय निर्दलीय प्रत्याशी रहे नरेश मीणा भी ग्रामीणों की मांग वाजिब बताते हुए ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठ गया था।

मतदान बहिष्कार के बाबजूद तीन जनों के जबरन वोट दिलाने का आरोप लगाते हुए नरेश मीणा ने SDM अमित चौधरी के थप्पड़ मार दी थी। दूसरे दिन पुलिस ने नरेश मीणा को धरना स्थल से गिरफ्तार कर लिया था। फिर कोर्ट के आदेश पर 15 नवंबर को जेल भेज दिया था। इसमें अब तक 61 की जमानत हो चुकी है।

नरेश मीणा समेत दो जने जेल में है। इस पूरे मामले को लेकर कई संगठनों समेत ग्रामीणों ने राष्ट्रीय अनुसूचित, जनजाति आयोग को भी शिकायत भेजी थी। शिकायत में बताया कि पुलिस ने बर्बरता की है। घरों में घुसकर लोगों को मारा। आंसू गैस के गोले छोडे। हवाई फायरिंग की।

इस पर यह आज आयोग के सदस्य अनुपम चकमा टोंक आए और जिला परिषद के सभागार में अधिकारियों की करीब दो-ढाई बैठक लेकर शाम को समरावता घटनाक्रम की जानकरी ली। इससे संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों के बयान लिए।

हालांकि सभागार में मीडिया को बैठक शुरु होने के बाद प्रवेश नहीं दिया गया। बैठक में कलेक्टर डॉक्टर सौम्या झा, SP विकास सांगवान समेत अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।

Author: JITESH PRAJAPAT

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