जयपुर। जिले में मकर संक्रांति के त्योहार पर जहां लोग मीठी फिनी और तिल के लड्डुओं का आनंद ले रहे थे, वहीं अखिल राजस्थान महिला एवं बाल विकास कर्मचारी संघ एकीकृत की महिला कर्मियों ने मंगलवार को विरोध स्वरूप सूखी रोटी के साथ हरी मिर्च और मूली खाकर काली संक्रांति मनाई।
संघ की प्रदेश अध्यक्ष मधुबाला शर्मा ने बताया- आंगनवाड़ी कर्मियों को मिलने वाला मानदेय इतना कम है कि उनके परिवार को रोज नमक-मिर्च के साथ रोटी खानी पड़ती है। महिला कर्मियों का अनिश्चितकालीन धरना महिला एवं बाल विकास निदेशालय के सामने सातवें दिन भी जारी है।
संघ की उपाध्यक्ष गरिमा राजावत ने बताया कि राज्य में महिला उपमुख्यमंत्री और महिला बाल विकास मंत्री होने के बावजूद गरीब महिला कर्मियों से वार्ता नहीं की जा रही है और न ही कोई लिखित आश्वासन दिया जा रहा है। भीषण सर्दी में भी महिलाएं सड़क पर धरने पर बैठी हैं।
आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए आज महिला बाल विकास निदेशालय के सामने सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन किया। इसके बाद महिला बाल विकास मंत्री एवं उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी के सिविल लाइंस स्थित आवास पर प्रदर्शन की योजना है।
आज इन महिला आंगनबाड़ी कर्मियों को धरना प्रदर्शन करते हुए 8 दिन हो गए हैं अब हम महिलाओं ने एक फैसला लिया है कि सरकार द्वारा वार्ता नहीं की गई तो दिनांक 16 जनवरी को सुनवाई आठ बजे उपमुख्यमंत्री एवं महिला बाल विकास मंत्री दीया कुमारी के आवास के सामने धरना सुबह आठ बजे प्रदर्शन करेगी।
इससे पहले रविवार को धरना स्थल पर महिलाओं की तबीयत खराब होने लगी। कल भी प्रदेश अध्यक्ष मधुबाला शर्मा को तबीयत खराब होने का अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने कहा- जब तक माननीय महिला एवं बाल विकास मंत्री हमें आगामी बजट में हमारी मांगे माने जाने की लिखित में सहमति नहीं दे देती है, हम मर जाएंगे पर धरना खत्म नहीं करेंगे न पीछे नहीं हटेंगे।