अलवर। जिले के सदर थाने में 35 साल से बतौर लांगरी (कुक) पूरे स्टाफ को खाना बनाकर खिलाने वाले तेज सिंह की बेटी की शादी में पुलिसकर्मी नाना और मामा बनकर पहुंचे। उन्होंने शादी में भात दिया। कुक की पत्नी ने अपने भातियों का स्वागत किया। रिश्तेदार और लोगों ने तालियां बजाकर पूरे पुलिस स्टाफ का स्वागत किया।
कुक बोले- मैं जिंदगी भर इस पल को नहीं भूल सकूंगा। मुझे बड़ी खुशी मिली है। कुक तेज सिंह के माता-पिता का केवल दो साल की उम्र में निधन हो गया था। उन्हें 12 साल की उम्र में कुक बनना पड़ा था।
SHO पूनिया बोले – शादी से दो दिन पहले तक काम करते रहें
SHO पूनिया ने बताया- तेज सिंह थाने में कुक हैं। इसी थाने में 35 सालों से बड़े प्रेम से खाना खिलाया है। 8 दिन पहले तेज सिंह ने चैंबर में आकर अपनी बेटी की शादी का कार्ड दिया। शादी के दो दिन पहले तक वे थाने में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। पूरे स्टाफ ने मिलकर तय किया कि वे मायरा लेकर शादी में जाएंगे। बहन की बेटी की शादी में आवश्यक सहयोग करेंगे। महिला SI कुसुमलता ने कहा- एक परिवार की तरह हम यहां मायरा भरने आए हैं।
आरती की मां बोली – बहुत खुशी मिली
मेरे खुद के भाई भी भात लेकर आए हैं लेकिन पुलिस की पूरी टीम घर पहुंची तो बहुत अच्छा लगा है। इससे हमारी खुशी बढृी है। पुलिस के घर आने का पहले मैसेज आ गया था। तब से परिवार में खुशी थी।
दुल्हन बोली – मेरे नाना बनकर आए SHO साहब
दुल्हन आरती ने कहा – मुझे खुशी है कि पापा ने अच्छे से काम किया है। एसएचओ साहब मेरे नाना बनकर आए। इतना सब कुछ किया है। इसलिए खुशी है। दूसरे पुलिसकर्मी मामा बनकर आए हैं। मेरे परिवार में बहुत खुशी है। पहली बार घर पर पापा के थाने का पूरा स्टाफ आया है।
कुक बोले- 35 सालों से पूरे थाने को खाना खिला रहा
बेटी के पिता तेज सिंह बोले- हमारे घर में खुशी का माहौल है। पूरे थाने का स्टाफ आया। सबने 1 लाख 11 हजार रुपए भात में दिए हैं। इसके अलावा पूरा सामान दिया है। मैंने 35 साल तक पुलिस स्टाफ को खुश रखने का प्रयास किया। मेरा व्यवहार उनको अच्छा लगा है।
मैं 12 साल से पुलिस वालों के बीच में हूं। इसी थाने में 12 साल की उम्र से खाना बनाता आया हूं। पहले बड़े भाई कुक थे। उन्होंने मुझे यहां लगा दिया था। असल में मेरे माता-पिता दो साल की उम्र में गुजर गए थे। इस कारण कम उम्र में कुक बनना पड़ा। अब पुलिस टीम ने मेरी पूरी मदद की है। मैं जिंदगी पर अहसान नहीं भूलूंगा।