जयपुर। जल जीवन मिशन (जेजेएम) घोटाला मामले में पीएचईडी ठेकेदार पदमचंद जैन को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एजी मसीह और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने पदमचंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा- इस पूरे मामले में जिस मंत्री (तत्कालीन पीएचईडी मंत्री महेश जोशी) को फायदा पहुंचाने के लिए लेनदेन की बात कही गई है। ईडी ने उसे ही मामले में आरोपी नहीं बनाया है। मैसर्स श्री श्याम ट्यूबवेल के संचालक पदमचंद जैन को ईडी ने 13 जून 2024 को गिरफ्तार किया था। हाईकोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर करते हुए कहा था कि मामले में सह आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। ट्रायल में लंबा समय लगेगा। ऐसे में जमानत पर रिहा किया जाए।
सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अभी ट्रायल में अधिक समय लगेगा। हम बिना ट्रायल के आरोपी की हिरासत को सजा में तब्दील नहीं कर सकते हैं। मामले में मुख्य सबूत दस्तावेजी प्रकृति के हैं, जिन्हें ईडी पहले ही जब्त कर चुकी है। ऐसे में उनसे छेड़छाड़ की आशंका नहीं है।
अभी आरोप तय होने हैं और 50 गवाहों का परीक्षण किया जाना है। प्रमाण के रूप में हजारों दस्तावेज हैं। ऐसे में इनमें लंबा समय लगेगा।
ईडी के वकील ने जमानत का विरोध करते हुए कहा- आरोपी पीएचईडी से टेंडर घोटाले में करीब 136.41 करोड़ रुपए की बड़ी राशि के गबन में शामिल है। सह आरोपी पीयूष जैन और संजय बड़ाया की तुलना में इसके आरोप गंभीर प्रकृति के हैं।
900 करोड़ का टेंडर घोटाला
राजस्थान के PHED (पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट) में अलवर के बहरोड़ में पोस्टेड XEN मायालाल सैनी, नीमराना में पोस्टेड JEN प्रदीप के साथ रिश्वत देने वाले ठेकेदार पदमचंद जैन और कंपनी के सुपरवाइजर मलकेत सिंह को एसीबी टीम ने 7 अगस्त 2023 को गिरफ्तार किया था। इनके साथ एक दलाल प्रवीण कुमार को भी पकड़ा गया था।
एसीबी ने इनके पास से 2.90 लाख रुपए कैश जब्त किए थे। सभी बहरोड़ से जयपुर के होटल पोलोविक्ट्री आए थे। घूस का पैसा लेकर जाने लगे तो पीछा कर चौमूं पुलिया के पास घेर कर पकड़ लिया। कार में बैठे बहरोड़ एईएन राकेश चौहान की भूमिका सामने आने के बाद उसे भी गिरफ्तार किया गया था।
ठेकेदार पदमचंद जैन की फर्म श्याम ट्यूबवेल कंपनी है। महेश मित्तल की फर्म गणपति ट्यूबवेल है। पदमचंद जैन और महेश मित्तल जीजा-साला हैं। जल जीवन मिशन में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र और आय प्रमाण पत्र लगा कर दोनों कंपनियों पर जयपुर रीजन प्रथम व द्वितीय के इंजीनियरों से मिलीभगत कर 900 करोड़ के टेंडर लेने का आरोप है।
जल जीवन मिशन में फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर टेंडर हासिल करने के मामले में एसीबी ने सितंबर 2023 में श्याम ट्यूबवेल और गणपति ट्यूबवेल के खिलाफ FIR दर्ज की थी।
बेटे को मिल चुकी है जमानत
इसी मामले को लेकर ईडी ने 17 जनवरी 2024 को राजस्थान में 8 जगहों पर छापे मारे थे। पदमचंद जैन की 11.42 करोड़ रुपए की संपत्ति ईडी ने जब्त की थी। ईडी ने कार्रवाई कर 29 फरवरी को पदमचंद जैन के बेटे पीयूष जैन को अरेस्ट किया था। उसके बाद पदमचंद जैन और महेश जोशी के करीबी संजय बड़ाया को भी गिरफ्तार किया था। पीयूष और संजय को पहले ही सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है।