जयपुर। जिले के विधायकपुरी थाना पुलिस ने मेरठ के दो शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने पूछताछ के बाद इन बदमाशों के पास से चोरी और लूटे हुए 12 महंगे मोबाइल बरामद हुए हैं। प्रारम्भिक पूछताछ में बदमाशों ने जयपुर में कई मोबाइल चोरी और लूट की वारदातें करना कबूल किया है। दोनों बदमाशों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया है। जो चोरी किए मोबाइल को एल्युमिनियम फॉयल में रखते थे, जिससे नेटवर्क काम नहीं करे।
डीसीपी साउथ दिगंत आनंद ने बताया- जयपुर में ठग गैंग द्वारा मोबाइल स्नैचिंग की बढ़ती वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए सभी थाना सीआई को विशेष टीम बनाकर इलाके में नजर रखने के आदेश दिए थे। इस पर विधायकपुरी थाना पुलिस ने दो लोगों को चिह्नित कर उनसे पूछताछ की तो वह दोनों मेरठ के बदमाश निकले।
बदमाशों के पास से महंगे 12 मोबाइलों को रिकवर किया गया है। प्रारम्भिक पूछताछ में बदमाशों ने बताया- वह मेरठ से जयपुर केवल मोबाइल,पर्स चोरी और लूट की वारदात करने आते थे। जयपुर सिटी में वह कई घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। लूटा गया माल वह मेरठ लेकर अन्य राज्यों में बेचा दिया करते हैं।
विधायकपुरी थाना सीआई पूनम चौधरी ने बताया- 16 जनवरी को ताराचंद कुमावत व कौशल शर्मा ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई की 15 जनवरी को अजमेर रोड पर ट्रैफिक जाम के दौरान दो लोगों ने उनका ध्यान भटकाकर कार के अन्दर से उनके मोबाइल फोन चुराकर ले गए। शिकायत मिलने पर एफआईआर दर्ज की गई। जिस पर पारम्परिक रूप से दक्ष थाने के कॉन्स्टेबल राजेश, अनुज को घटना स्थल पर भेज कर मौके पर लगे हुए सीसीटीवी फुटेज खंगलवाए।
करीब 100 से अधिक फुटेज देखने के बाद पप्पू चांद (43) पुत्र जान मौहम्मद निवासी म.न. 165 सैयद बेगम वाली गली पुर्वा फतहेननगर देहली गेट पुलिस थाना देहली गेट जिला मेरठ (उत्तरप्रदेश) और अजीम(38) पुत्र तसलीम निवासी बिल्लू भाई की बख्खल डॉक्टर खलील वाली गली मकबरा अब्बु केशरगंज मेरठ सिटी पुलिस रेल्वे रोड जिला मेरठ (उत्तरप्रदेश) हाल निवास किरायेदार लियाकत वाली गली तारापुरी पुलिस थाना निसारी गेट जिला मेरठ (उत्तरप्रदेश) को गिरफ्तार किया गया।
घटना को ऐसे अंजाम देते थे
मेरठ उत्तरप्रदेश से आकर जयपुर में ट्रैफिक बत्ती व ट्रैफिक जाम वाले स्थानों पर ध्यान भटकाकर / वाहन चालक से झगड़ा कर कार के अन्दर से महंगे मोबाइल फोन/पर्स व अन्य महंगा सामान चुरा लेते थे। चुराये हुए मोबाइल को एल्युमिनियम फॉल में लपेट कर रखते थे। इससे मोबाइल का नेटवर्क काम नहीं करता। वारदात के लिए किसी सस्ते होटल में रुकते हैं। 8-10 वारदातों के बाद वापिस मेरठ लौट जाते है।