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February 5, 2025 9:39 am


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गर्भ में बच्चे की डेथ, परिजन बोले- हाईडोज से मौत : जयपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल में हंगामा, भांकरोटा थाने में दी शिकायत

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

जयपुर। जिले के भांकरोटा स्थित रेनू नर्सिंग होम में परिजनों ने हंगामा कर दिया। गर्भवती महिला के पेट में ही बच्चे की मौत के मामले से नाराज परिजनों ने इसकी शिकायत भांकरोटा थाने में दी है, जहां डॉक्टर और स्टाफ की लापरवाही से बच्चे की मौत का आरोप लगाया है। साथ ही आरोप लगाया कि गलत इंजेक्शन लगाने और दवाइयां देने बच्चे की मौत हुई।

पीड़ित महिला शब्बो बानों (22) के पति अतिकुर रहमान ने शिकायत में बताया- उसकी पत्नी गर्भवती थी और उसका रेगुलर ट्रीटमेंट रेणु नर्सिंग होम की डॉक्टर रेनू अग्रवाल की देखरेख में चल रहा था। 13 जनवरी को जब मैं पत्नी को दिखाने नर्सिंग होम गया तो वहां डॉक्टर ने जांच में बताया कि मां और गर्भ में पल रहा बच्चा बिल्कुल ठीक है। इसके बाद डॉक्टर ने कुछ दवाइयां लिखीं। इसे लेने के बाद मेरी पत्नी की तबीयत कुछ खराब हो गई।

इसके बाद से रेगुलर हॉस्पिटल जाकर डॉक्टर को दिखाते रहे और उनके निर्देशानुसार दवाइयां और इंजेक्शन समेत अन्य ट्रीटमेंट लेते रहे। 17 जनवरी को जब हॉस्पिटल पहुंचे तो डॉक्टर ने जांच कर कहा- कि बच्चे के दिल की धड़कन कम हो गई है। इसे जनाना या महिला चिकित्सालय लेकर चले जाओ।

जांच की तो पता चला बच्चा दो दिन पहले मर गया

डॉक्टर रेनू के निर्देश पर मैं मेरी पत्नी को लेकर जनाना हॉस्पिटल चांदपोल आ गया। जनाना में डॉक्टरों को दिखाने और जांच करवाने पर पता चला कि बच्चा गर्भ में ही दो दिन पहले मर चुका है। इसके बाद वहां के डॉक्टरों ने 17 जनवरी की रात को ऑपरेशन करके मेरी पत्नी की डिलीवरी की और बच्चा बाहर निकाला।

इस मामले पर आज जब हम रेनू हॉस्पिटल इसकी शिकायत करने पहुंचे तो वहां के स्टाफ ने हमारे साथ बदसलूकी की। जबकि नर्सिंग होम की डॉक्टर के निर्देशन में ही सारा ट्रीटमेंट करवाया जा रहा था।

डॉक्टर बोली- मरीज ओपीडी में दिखाने आया था

नर्सिंग होम की डॉक्टर रेनू अग्रवाल ने बताया- इस महिला का इलाज चल रहा था। तीन-चार दिन पहले मेरे पिता की डेथ हो गई थी और मैं नर्सिंग होम नहीं आ रही थी। मैं कल (17 जनवरी को) ही आई थी और पेशेंट उसी दिन ओपीडी में दिखाने आई थी। जांच करने पर बच्चे की धड़कन सुनाई नहीं दे रही थी। मैंने उसे जनाना अस्पताल भेजा था। पेशेंट एडमिट नहीं था। इसके बाद की जानकारी नहीं है।

Author: JITESH PRAJAPAT

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