डूंगरपुर। शहर के वसुंधरा विहार इलाके में स्थित सावित्री बाई फूले गर्ल्स हॉस्टल में समाज कल्याण विभाग का अधिकारी तीन दिन से अवैध रूप से ठहरा हुआ था। इसकी भनक लगने पर मंगलवार देर रात 12 बजे बाद एबीवीपी के कायकर्ता हॉस्टल पहुंचे और अधिकारी को तुरंत हॉस्टल छोड़ने के लिए कहा।
कार्यकर्ताओं ने मौके से कलेक्टर को फोन लगाया। इस पर कलेक्टर ने नाराजगी जताते हुए अधिकारी को तुरंत हॉस्टल छोड़ने के निर्देश दिए। हॉस्टल में 40 स्कूली छात्राएं रहती हैं। शहर में समाज कल्याण विभाग के दो हॉस्टल होने के बावजूद अधिकारी गर्ल्स हॉस्टल में रुके हुए थे।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के राष्ट्रीय सदस्य हर्षित ननोमा ने बताया कि शहर के वसुंधरा विहार स्थित समाज कल्याण विभाग के सावित्री बाई फूले गर्ल्स हॉस्टल में किसी अधिकारी के अवैध रूप के रुकने की शिकायत मिली थी। हॉस्टल में 40 एसटी छात्राएं रहकर पढ़ाई करती हैं। उनके साथ ही एबीवीपी के जिला संगठन मंत्री रामकृष्ण मेहता, जिला संयोजक महिपाल गमेती, जनजाति प्रमुख राजेंद्र खराड़ी ओर संजय खराड़ी रात करीब 12:30 बजे हॉस्टल पहुंचे। इससे पहले पुलिस को भी सूचना दी गई।
हॉस्टल गेट पर आवाज लगाने पर वार्डन गेट पर आए। वार्डन से अधिकारी के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि जिला अधिकारी यहां रुके हुए हैं। इस पर एबीवीपी कार्यकर्ता मोबाइल कैमरा चालू रखते हुए हॉस्टल में गए और कमरे में रुके अधिकारी को पकड़ा। अधिकारी ने खुद को समाज कल्याण का डिप्टी डायरेक्टर अशफाक खान बताया। साथ ही हॉस्टल निरीक्षण की बात कही। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने 3 दिन से हॉस्टल में ठहरने के बारे में पूछने पर कभी ट्रांसफर होकर आने तो कभी कमरा नहीं मिलने की बात कहने लगे। जिस पर कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई।
मौके से कलेक्टर से की बात
हर्षित ननोमा ने बताया कि मौके से ही जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह को फोन कर घटना के बारे में बताया। इस पर कलेक्टर ने भी किसी अधिकारी के गर्ल्स हॉस्टल में ठहरने पर नाराजगी जताई और उन्हें तुरंत ही वहां से जाने के लिए निर्देश दिए। इसके अलावा महिला पुलिसकर्मियों को भी हॉस्टल पर तैनात करने की बात कही। वहीं, अधिकारी के अवैध रूप से गर्ल्स हॉस्टल में ठहरने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग रखी। एबीवीपी के राष्ट्रीय सदस्य हर्षित ननोमा ने बताया कि हॉस्टल में छात्राएं रहती है। ऐसे में राज्यपाल ओर सरकार के सख्त आदेश है कि किसी भी गर्ल्स हॉस्टल में कोई पुरुष अधिकारी रात के समय नहीं रह सकता है। बावजूद समाज कल्याण अधिकारी शहर में 3 बॉयज होस्टल को छोड़कर गर्ल्स हॉस्टल में ही रुके हुए थे। इससे छात्राओं की प्राइवेसी पर भी असर पड़ता है। उन्होंने प्रशासन से पूरे मामले में जांच करते हुए अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग रखी है।