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March 14, 2025 5:58 pm


शादी के 7 साल बाद एक साथ हुए 3 बच्चे : डॉक्टर ने बताया रेयरेस्ट केस, बोले- लाखों में कोई एक ऐसा मामला आता है

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

जैसलमेर। जिले में एक महिला ने एक साथ तीन बच्चों को जन्म दिया है। महिला जमाला (28) पत्नी गुलशन खान, केहर फकीर की ढाणी, देवीकोट की रहने वाली है। जवाहिर हॉस्पिटल में पहली बार एक महिला ने तीन बच्चों को जन्म दिया है। ऑपरेशन से हुए नवजातों में 2 लड़के और एक लड़की है। डॉक्टर अरुण कुमार वर्मा ने बताया- ऐसा केस लाखों में कोई एक ही होता है।

हालांकि बच्चों का वजन कम है, लेकिन जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं। तीनों बच्चे एनआईसीयू वार्ड में भर्ती हैं, वहीं मां भी हॉस्पिटल में एडमिट है। जमाला के परिजन 7 साल बाद जमाला के मां बनने और एक साथ 3 बच्चों के जन्म देने पर बहुत खुश हैं। सभी परिजन जमाला के घेरे हैं और बेहद खुश हैं। उनका मानना है कि ईश्वर ने लंबे समय बाद बच्चे दिए भी तो एक साथ तीन। बोले अब जमाला का परिवार पूरा हो गया।

सात साल पहले हुई थी शादी, बच्चे नहीं हुए

डॉक्टर अरुण कुमार वर्मा ने बताया कि महिला जमाला की शादी सात साल पहले गुलशन खान से हुई थी। लेकिन शादी के बाद बच्चे नहीं हो रहे थे। करीब 15 महीने पहले महिला ने सरकारी जवाहिर हॉस्पिटल में प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुण कुमार वर्मा को दिखाया। जिसके बाद महिला का इलाज चला और 8 महीने बाद वह गर्भवती हुई। बुधवार शाम करीब 7 बजे महिला ने एक साथ 3 बच्चों को जन्म दिया है।

कई जगह दिखाया, लेकिन नहीं हुए बच्चे

शादी के बाद बच्चे नहीं होने पर महिला के परिजनों ने महिला का डीसा, अहमदाबाद में इलाज करवाया। लेकिन बच्चे नहीं हुए। उसके बाद महिला ने महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुण कुमार वर्मा से परामर्श लिया। जहां पर 7 महीने चले इलाज के बाद 8 महीने पहले महिला प्रेग्नेंट हो गई। शादी के 7 साल बाद घर में किलकारी गूंजने से परिवार में खुशी का माहौल है।

पहली सोनोग्राफी में पता चला तीन बच्चे, महिला को किया मोटिवेट

डॉक्टर अरुण ने बताया- महिला के पीआईडी (पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज) की समस्या थी। इनके रेगुलर साइकल नहीं थे। फिर इलाज करके पीरियड के साइकल रेगुलर किए गए। बच्चा दानी में भी इन्फेक्शन था। बच्चादानी के इन्फेक्शन का दो महीने इलाज किया गया। 8 महीने पूर्व महिला गर्भवती हुई। पहली सोनोग्राफी में पता चल गया था कि गर्भ में तीन बच्चे हैं। तो महिला ने कहा कि तीन बच्चे नहीं चाहिए। तीन बच्चे रखने में ज्यादा समस्या होगी। उसके बाद महिला को मोटिवेट किया गया और मेंटली स्पोर्ट किया। हर 15-20 दिनों में फॉलोअप व मॉनिटरिंग की गई।

1 लाख में ऐसे रेयरेस्ट केस आते हैं

डॉक्टर अरुण ने बताया कि एक साथ तीन बच्चे होने का मामला लाखों में एक ही आता है। हालांकि जुड़वां बच्चे होते हैं मगर एक साथ तीन बच्चों का जन्म रेयरेस्ट केस ही हैं। इनमें बच्चों के सर्वाइव करने के 70 से 80 प्रतिशत चांस रहते हैं। लेकिन ये तीनों बच्चे सर्वाइव कर रहे हैं। बच्चे और मां स्वस्थ हैं। ऐसे में सभी स्टाफ और परिजन भी खुश हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी हॉस्पिटल में इस तरह के इलाज होने से लोग काफी संख्या में सरकारी हॉस्पिटल में आने लगे हैं और इस तरह इलाज करवा कर संतान प्राप्ति कर रहे हैं।

इस टीम ने किया ऑपरेशन

तीनों बच्चे अभी एनआईसीयू वार्ड में भर्ती हैं। जवाहिर हॉस्पिटल के पीएमओ डॉ. चंदनसिंह तंवर के निर्देशन में प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुण कुमार वर्मा, एनेस्थीसिया डॉ. नरेश शर्मा, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. दिनेश जांगिड़, ऑपरेशन थिएटर सहायक सुरेश कुमार भार्गव, सहायिका माया व राखी की पूरी टीम द्वारा सफल ऑपरेशन किया गया।

Author: JITESH PRAJAPAT

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