दौसा। दौसा कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार को दिशा समिति की दूसरी बैठक सांसद मुरारीलाल मीणा की अध्यक्षता में आयोजित हुई। जिसमें केन्द्र सरकारी की योजनाओं के इम्प्लीमेंट को लेकर विभागवार चर्चा हुई। सांसद ने जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे पर ब्लैक स्पॉट्स, दौसा से मनोहरपुर तक डबल लेन सडक को फोरलेन बनाने की डीपीआर में सम्बन्ध में, जयपुर-बांदीकुई एक्सप्रेसवे पर प्रतापपुरा के पास प्रस्तावित इंटरचेंज की जानकारी ली।
उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे पर भाण्डारेज से लेकर पिनान के बीच करीब 60 किलोमीटर तक उतार-चढ़ाव के लिए एक भी इंटरचेंज नहीं है। राजगढ़ से महवा तक फोरलेन सडक नहीं होने से लोगों को परेशानी होती है। इन पर मुद्दों पर नेशनल हाईवे प्राधिकरण के अधिकारियों से चर्चा हुई।
सांसद ने कहा कि पीएम फसल बीमा योजना, पीएम ग्राम सडक योजना समेत केन्द्र सरकार की योजनाओं की समीक्षा की है। फसल बीमा योजना में हमारा क्षेत्र पूरी तरह फिसड्डी है, अधिकारियों की कमियों की वजह से किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के वक्त होने वाले नुकसान का उचित मुआवजा नहीं मिल पाता। ऐसे में योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करने पर जोर दिया गया है। साथ ही कई मामलों में सुधार की भी गुंजाइश है। इसके लिए कलेक्टर से बात हुई है।
वहीं राज्य सरकार द्वारा ईआरसीपी के एमओयू को सार्वजनिक नहीं करने के सवाल पर सांसद ने कहा कि हमें अभी तक यह पता नहीं है कि दौसा जिले के कौन-कौन से बांध परियोजना से जुडे हैं। इसे लेकर अधिकारियों को भी जानकारी नहीं है। सरकार को लोगों को भ्रमित करने की बजाय स्पष्ट करना चाहिए। इस मुद्दे पर लोकसभा और विधानसभा में उठाया जाएगा।
बैठक में कलेक्टर देवेन्द्र कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजनाओं के इम्प्लीमेंट पर गंभीरता से कार्य करें। इस दौरान जिला प्रमुख हीरालाल सैनी, एनएचएआई के परियोजना निदेशक बीएस यादव, मैनेजर पुष्पेंन्द्र सिंह, एडीएम सुमित्रा पारीक, जिला परिषद सीईओ नरेन्द्र मीणा, प्रधान प्रहलाद मीणा, दिशा समिति के सदस्य खेमराज मीणा, घनश्याम शर्मा, उमाशंकर बनियाना समेत अन्य सदस्य व अधिकारी मौजूद रहे।