कोटा। जिले के शहर और ग्रामीण क्षेत्र में सातवे दिन भी चिकित्सकों का विरोध प्रदर्शन अनवरत जारी रखा। एसडीएम सेड़वा के विरोध में 300 से अधिक सेवारत चिकित्सकों ने 2 घंटे ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार (पेन डाउन) किया। इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं जारी रखी गई। महासचिव डॉ राजेश सामर ने बताया कि अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ कोटा द्वारा राजव्यापी आवाहन पर राजस्थान के सेवारत चिकित्सकों का विरोध प्रदर्शन सातवे दिन भी अनवरत जारी रहा। अभी तक एसडीएम सेड़वा पर कोई कार्यवाही नहीं हुई ना ही उनका निलंबन हुआ ना ही एफआईआर दर्ज हुई है। उसी के विरोध में आज 2 घंटे आउट डोर सेवाओं का बहिष्कार किया। इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं जारी रखी गई।
अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेश महासचिव डॉ दुर्गा शंकर सैनी ने कहा कि 72 घंटे में पीड़ित चिकित्सक को न्याय नहीं मिला और पीड़ित चिकित्सक डॉ रामस्वरूप द्वारा दी गई एफआईआर तत्काल दर्ज कर निलंबन किया जाए। अन्यथा सेवारत चिकित्सक सामूहिक अवकाश पर जाने जैसा कदम उठा सकते है। राज्य भर के 15 हजार से अधिक सेवारत चिकित्सकों ने 2 घंटे कार्य बहिष्कार किया। सैनी ने बताया कि पीड़ित चिकित्सक रामस्वरूप को न्याय नहीं मिलने से सोशल मीडिया के जरिए दर्द झलका, चिकित्सक रामस्वरूप रावत ने लिखी अपनी पीड़ा, मैं आज 7 वें दिन भी न्याय के लिए लड़ रहा हूं। आज तक मेरी FIR भी दर्ज़ नहीं हो पाई। किसी की शक्ति की धौंस ने मेरे आत्मविश्वास को इस कदर रौंद दिया, कि इस खोए हुए आत्मसम्मान के साथ मेरा ज़मीर मुझे मेरे गांव जाने की भी हिम्मत नहीं दें रहा ये सोशल मीडिया पर वायरल है।
सेवारत चिकित्सक संघ कोटा के महासचिव डॉ राजेश सामर और अध्यक्ष डॉ अमित गोयल ने बताया आज कोटा के जिला अस्पताल, कुन्हाड़ी मेडिकल कॉलेज, डिस्पेंसरी ,ग्रामीण अंचल में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 300 से अधिक सेवारत चिकित्सक द्वारा 2 घंटे आउट डोर पर कार्य बहिष्कार किया एवं आपातकालीन सेवाएं जारी रखी।