हनुमानगढ़। लेटर हेड पर ग्राम विकास अधिकारी (VDO) के फर्जी हस्ताक्षर कर व उसके नाम की मोहर लगाकर फर्जी दस्तावेज कोर्ट में पेश करने का मामला सामने आया है। इस संबंध में रामपुरा ग्राम विकास अधिकारी की ओर से सरपंच प्रतिनिधि सहित दो व्यक्तियों के खिलाफ पीलीबंगा पुलिस थाना में धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया गया है। पीलीबंगा तहसील की ग्राम पंचायत रामपुरा की ग्राम विकास अधिकारी मीनाक्षी देवी (38) पत्नी राजेन्द्र जाट ने इस्तगासे के जरिए दर्ज करवाए मुकदमे में बताया कि 21 अक्टूबर 2024 को गोविन्दराम पुत्र ख्यालीराम निवासी रामपुरा व सरपंच प्रतिनिधि रणजीत सुथार पुत्र साहबराम निवासी रामपुरा उसके ऑफिस में आए और एक लेटर हेड पर हस्ताक्षर कर अपनी मोहर लगाने के लिए कहा। उक्त लेटर हेड को पढ़ने के बाद उसने गोविन्दराम व रणजीत सुथार से कहा कि उसे इस लिखित के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। इसलिए वह इस लेटर हेड पर न तो हस्ताक्षर करेगी न ही अपनी मोहर लगाएगी।
इस पर गोविन्द राम व रणजीत सुथार उसके बिना हस्ताक्षर करवाए उक्त लेटर हेड लेकर चले गए। इसके पश्चात सिविल कोर्ट पीलीबंगा में चल रहे एक सिविल वाद अनवान गोविन्दराम बनाम ग्राम पंचायत आदि में ग्राम पंचायत रामपुरा के वकील से वाद के सम्बन्ध में उसने सम्पर्क किया तो पता चला कि गोविन्दराम व रणजीत सुथार ने मिलकर उक्त लेटर हेड पर श्री गोशाला समिति रामपुरा के नाम से कोई पट्टा का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। लिखते हुए उस लिखित पर उसके फर्जी हस्ताक्षर कर तथा उसके नाम व पद की फर्जी तरीके से मोहर लगाकर फर्जी कूटरचित दस्तावेज लेटर हेड को अपने लाभ के लिए सिविल न्यायालय, पीलीबंगा में 21 अक्टूबर 2024 को पेश कर दिया। उसे इस बारे में पता चलने पर उसने अपने उच्च अधिकारियों को 11 नवंबर 2024 को लिखित में सूचना दी।
30 नवंबर 2024 को उसने अपने वकील से सम्पर्क किया तो उसे पता चला कि गोविन्दराम ने उक्त लेटर हेड, जिसमें उसके फर्जी हस्ताक्षर व फर्जी मोहर है, का उपयोग कर खुद को लाभ पहुंचाने के लिए सशपथ 28 नवंबर 2024 को उक्त लेटर हेड को प्रदर्शित भी करवा लिए, जबकि गोविन्दराम को इस बात की भली-भांति जानकारी थी कि उक्त दस्तावेज लेटर हेड पर उसके न तो हस्ताक्षर हैं न ही उसने उक्त मोहर लगाई है। उक्त लेटर हेड फर्जी व कूटरचित है।
गोविन्दराम ने सरपंच प्रतिनिधि रणजीत सुथार से मिलकर तथा आपसी षड्यंत्र रचकर खुद को लाभ पहुंचाने के लिए न केवल उक्त लेटर हेड पर उसके फर्जी हस्ताक्षर किए अपितु उसके पद व नाम की फर्जी तरीके से मोहर भी लगा कर सिविल न्यायालय, पीलीबंगा में फर्जी लेटर हेड को साक्ष्य में पेश किया। पुलिस ने बीएनएस की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच एएसआई गायत्री चौधरी को सौंपी है।