जयपुर। आयोगों के सदस्यों को नियम अनुसार वेतन का भुगतान नहीं होने का मामला सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे राज्य उपभोक्ता और जिला उपभोक्ता आयोगों के अध्यक्ष व सदस्यों को मौजूदा नियमों के अनुसार वेतन और भत्तों का भुगतान करें।
सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश उपभोक्ता आयोगों के सदस्यों के वेतन व सेवा शर्तों से जुड़े मामले में दिए हैं। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि कुछ प्रदेशों में आयोगों के सदस्यों को नियमों के अनुसार वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि आदेश के बाद भी सदस्यों को नियमों के अनुसार वेतन नहीं दिया जाए तो वे इस संबंध में न्याय मित्र को इससे अवगत कराएं, ताकि अदालत इसके लिए उचित आदेश दे। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 7 जनवरी 2025 को केन्द्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह उपभोक्ता आयोगों के अध्यक्षों व सदस्यों के लिए न्यूनतम वेतन, वार्षिक वेतन वृद्धि और बकाया भुगतान के सुझावों पर कार्रवाई करे। इस दौरान ही मामले में न्याय मित्र ने आयोगों के अध्यक्षों व सदस्यों और जिला न्यायाधीशों के बीच वेतन में समानता के मुद्दे पर अदालत को अपने सुझाव दिए थे। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2023 को सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए कहा था।


