हनुमानगढ़। रमजान के पाक महीने के बाद सोमवार को जिलेभर में ईद उल फितर का त्योहार मनाया गया। ईदगाहों में अकीदत और एहतराम के साथ नमाज अदा की गई। इस दौरान हजारों की तादाद में मुस्लिम समाज के लोग ईद की नमाज अदा करने पहुंचे। लोगों ने देश में अमन-चैन और खुशहाली की दुआ मांगी। नमाज के बाद सभी ने एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की बधाई दी। सुबह से ही मस्जिदों और ईदगाहों में नमाजियों का तांता लगा रहा। मस्जिदों और ईदगाहों के बाहर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस जवान तैनात रहे।
रमजान के 30 दिन के रोजे के बाद ईद उल फितर का त्योहार मनाया जाता है। इस मौके पर बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी ने एक-दूसरे को घरों पर आने का न्योता दिया। ईद पर शहर के मुस्लिम मोहल्लों में सुबह से ही घरों में ईद के पकवान बनाए गए। विशेष रूप से सेवइयां बना कर लोगों को खिलाकर खुशियां मनाई गई। राजनीतिक पार्टियों से जुड़े नेता भी ईदगाह पहुंचे। उन्होंने मुस्लिम समाज के लोगों से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी।
पुलिस उप महानिरीक्षक व सह पुलिस अधीक्षक अरशद अली ने जंक्शन की पुरानी खुंजा स्थित ईदगाह में मुस्लिम समाज के नागरिकों के साथ नमाज अदा की। नमाज अदा करने के बाद डीआईजी-सह एसपी अरशद अली ने कहा कि ईद खुशियों का नाम है। किसी भी मजहब-कौम में कोई त्योहार आता है तो वह खुशियां लेकर आता है, क्योंकि त्योहार खुशी का नाम है।
उन्होंने कहा कि एक माह के रोजे रखने (रमजान) के बाद आज अफ्तार की खुशी का दिन है। इंसानियत के लिए यह बहुत जरूरी है कि हम एक-दूसरे के एहसास व जरूरत को समझें। समाज के अंदर बुराइयों से बचाने वाले परिवार ज्यादा होंगे, तो समाज तरक्की करेगा। जब समाज तरक्की करता है तो देश तरक्की करता है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे संकल्प लें कि नशे से दूर रहेंगे। नशे से दूर रहेंगे तो शायद हमारी आगे की पीढिय़ां बेहतर परिणाम दे पाएं। वहीं आजम अली अशरफी ने कहा कि ईद भाईचारे का त्योहार है।