झालावाड़। कृषि विज्ञान केंद्र झालावाड़ में 7वें पोषण पखवाड़े के तहत एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग की 37 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. टीसी वर्मा ने पोषण वाटिका के रखरखाव और स्वास्थ्य पर इसके महत्व की जानकारी दी। गृह वैज्ञानिक डॉ. तुलिका आचार्य ने चार महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला। इनमें जीवन के पहले 1000 दिनों का महत्व, लाभार्थी और नागरिक मॉड्यूल का प्रचार, कुपोषण प्रबंधन और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना शामिल था। प्रसार शिक्षा वैज्ञानिक डॉ. मोहम्मद यूनुस ने पोषण वाटिका के निर्माण और देखभाल की विस्तृत जानकारी दी। प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र को पपीते और मिर्च के पौधे वितरित किए गए। मृदा वैज्ञानिक डॉ. सेवाराम रूण्डला ने जैविक खाद के उपयोग पर जानकारी साझा की। कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को घरेलू पोषण वाटिका विकसित करने के लिए प्रेरित किया गया। विशेषज्ञों ने बताया कि इससे वर्षभर पौष्टिक सब्जियां उपलब्ध हो सकती हैं। पपीता, नींबू, संतरा और अमरूद जैसे फलदार वृक्षों के पोषक तत्वों की जानकारी भी दी गई। इस पहल का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों का कुपोषण और किशोरियों में रक्ताल्पता की समस्या को दूर करना है।

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पोषण वाटिका से दूर होगा कुपोषण; 37 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिला प्रशिक्षण, पौधों का किया वितरण
Pankaj Garg
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