जयपुर। जिले के झोटवाड़ा स्थित लघु उद्योग मैसर्स ऐग्रोफैब ने राजस्थान उद्योग विभाग पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। संचालक आलोक गुप्ता और सिद्धार्थ गुप्ता ने जलदाय विभाग से 2017 से लंबित भुगतान के लिए MSME-FC में 6 वाद दर्ज कराए हैं। विभाग ने नवंबर 2021 में आर्बिट्रेशन शुरू करने का आदेश दिया। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरोप है कि विभागीय अधिकारियों ने फाइलों से महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब कर दिए। विरोध करने पर मारपीट की गई, जिसके फोटो साक्ष्य भी प्रस्तुत किए गए हैं। उद्योग आयुक्त रोहित गुप्ता से मिलने की कोशिश विफल रही। अधिकारी सी बी नवल ने कहा कि सरकार के खिलाफ आर्थिक दावों को खारिज करना उनकी मौखिक नीति है। अधिकारी कृष्ण अवतार ने 2 लाख रुपए की रिश्वत मांगी। इनकार करने पर 100 से अधिक कर्मचारियों ने घेराव किया।
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि विभाग में MSME अधिनियम का पालन नहीं हो रहा। पांच सदस्यीय MSME-FC में 2017 से दो लघु उद्योग प्रतिनिधियों की नियुक्ति नहीं की गई है। छोटे उद्यमियों के उत्पीड़न से राजस्थान में लघु उद्योगों का निवेश लगभग समाप्त हो गया है। आलोक गुप्ता ने मुख्यमंत्री और उद्योग मंत्री से अधिकारी एस एस शाह और कृष्ण अवतार को निलंबित करने की मांग की है। साथ ही केसों का निष्पक्ष निपटारा कर लघु उद्योगों को संरक्षण देने की मांग की है।