भीलवाड़ा। भीलवाड़ा के जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में संविदाकर्मी, दलाल प्रवृति के कर्मचारियों को नियम विरूद्ध डेपुटेशन पर लगाने के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। ऐसे कर्मचारियों द्वारा की जा रही अवैध वसूली से चिकित्साकर्मियों के साथ निजी अस्पताल और चिकित्सा सेवाओं से जुड़े अन्य लोग भी असुविधाओं का सामना कर रहे हैं। उच्च स्तर पर ऐसे कर्मचारियों की शिकायते होने के बावजूद इन पर कार्यवाही नहीं होने से यह लगने लगा है कि विभाग के शीर्ष अधिकारी का उन्हें खुला संरक्षण मिल रहा हैं। दो दिन पहले विभागीय कार्यालय में एक निजी कार्यक्रम में शीर्ष अधिकारी ने सार्वजनिक तौर पर कहा कि किसी से डरने की जरूरत नहीं हैं। जो चल रहा है बढ़िया चल रहा हैं। खबरे छपने से घबराने की कोई जरूरत नहीं हैं।
विभागीय सूत्रों के अनुसार करेड़ा में तैनात एक स्थाई कर्मचारी द्वारा निजी क्लिनिकों को धमका कर पैसा वसूलने की ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर जारी होने के बाद उसे करेड़ा से हटा कर माण्डल लगा दिया गया लेकिन इस कर्मचारी की दादागिरी पर कोई असर नहीं हुआ। अपने कथित राजनैतिक संबंधों के दम पर यह कर्मचारी आज भी जिले भर में धुआधार बैटिंग कर रहा हैं। इसके अलावा कई संविदाकर्मियों को जिला मुख्यालय पर महज इसलिए लगाए जाने की चर्चा है कि वे अवैध वसूली के काम में पूरी तरह दक्ष हैं। विभाग की लगभग सारी जन कल्याणकारी योजनाओं को संविदाकर्मियों के हवाले कर दिए जाने से विभागीय बड़ें टेंडरों में उनकी धांधली चल रही हैं। इस बारे में उच्च स्तर पर सप्रमाण शिकायतों के बावजूद कार्यवाही न होने से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कुएं में भांग घुली होने की आशंका बढ़ गई हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कार्यालय के जर्रे जर्रे पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। इसके बावजूद कार्यालय में अनुबंध पर लिए गए वाहनों का निजी उपयोग नहीं रूक पाया हैं। इन वाहनों की लॉगबुक संविदाकर्मी देखते है, इस कारण यह सरकारी खर्च पर चल रहे वाहन जिले से बाहर निजी उपयोग में लिए जाने की चर्चा हैं। इस बारे में कोई भी कर्मचारी मुंह खोलने से इसलिए डरता है कि कहीं साहब का नजला उन पर खामखां नहीं टूट जाए। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों साहब की महंगी निजी गाड़ी को खड़ी करने के लिए आनन फानन एक शेड खड़ा कर दिया गया जबकि सरकारी सिलिकोसिस रोगियों के लिए आई एबुलेंस एवं दूसरे वाहनों को धूल मिट्टी खाने के लिए विभागीय परिसर में लावारिस हाल रखा जा रहा हैं। इधर पिछले कुछ दिनों से साहब की महंगी गाड़ी शेड के नीचे नजर नहीं आती। बताते है साहब अनुबंधित सरकारी वाहन में जिले के दौरे के साथ साथ अन्य कार्य भी इन्हीं वाहनों से निपटा रहे हैं।