सीकर। जिले के उद्योग नगर इलाके में अमूल प्रोडक्ट्स की एजेंसी दिलवाने के नाम पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। कैफे संचालक को उसके ही परिचित ने झांसे में लेकर रुपए लिए। लेकिन एजेंसी नहीं दिलवाई। इसके बाद कंपनी में इन्वेस्टमेंट के नाम पर रुपए ले लिए। लेकिन अब पैसे लौटाने से मना कर दिया है। उद्योग नगर पुलिस मामले की जांच कर रही है। सीकर के उद्योग नगर पुलिस थाने में ओमप्रकाश ने रिपोर्ट देकर बताया कि वह सीकर में कैफे चलाता है। योगेश सेवदा नाम का युवक उसके यहां पर आता जाता था। ऐसे में ओमप्रकाश की उससे जान पहचान हो गई। अक्टूबर 2022 में योगेश दीपावली के दौरान मिलने आया और कहा कि उसके भाई मनोज की दिल्ली में अच्छी जान पहचान है। आपके व्यापार के लिए अमूल आइसक्रीम की एजेंसी दिलवा देंगे। जिससे आपकी कमाई और भी अच्छी हो जाएगी। आपको 5 से 7 लाख रुपए इन्वेस्ट करने पड़ेंगे। ऐसे में ओमप्रकाश ने कहा कि उसके पास एक साथ इतने रुपए देने के लिए नहीं है। योगेश ने कहा कि आप मुझे पैसे किस्तों में दे दो, ताकि एजेंसी की कागजी कार्यवाही शुरू करवा दूं। ओमप्रकाश ने विश्वास करके यह 5 से 7 लाख रुपए योगेश को दे दिए। तब योगेश ने कहा कि उसने एडवांस जमा करवा दिया है। अब जल्द ही तुम्हें अमूल के समस्त प्रोडक्ट्स की एजेंसी दिलवा दूंगा। फिर योगेश ने कहा कि आपके नाम एजेंसी अलॉट होने वाली है। 7 से 8 लाख रुपए और दो। योगेश पर विश्वास करके ओमप्रकाश ने उसे 7 से 8 लाख रुपए और दे दिए। फिर योगेश ने कहा कि अब जल्द ही आपका काम हो जाएगा।
लेकिन ओमप्रकाश को एजेंसी नहीं मिली।जब ओमप्रकाश ने योगेश से कांटेक्ट किया तो उसने कहा कि एजेंसी वाला काम नहीं हो पाया है। ओमप्रकाश ने पैसे वापस देने को कहा तो योगेश ने कहा कि वह पैसे उसके भाई मनोज ने दिल्ली में अपनी जानकार कंपनी में इन्वेस्ट कर दिए हैं। जो धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं। थोड़े दिन बाद ही योगेश ने कहा कि उसके भाई मनोज ने उसे बताया कि कंपनी के शेयर अच्छे दामों में बिक रहे हैं और उस पर प्रॉफिट भी अच्छा मिल रहा है। आप 8 से 10 लाख रुपए और इन्वेस्ट कर दो फिर आपके पूरे पैसे डबल होकर मिल जाएंगे। ओमप्रकाश एक बार फिर योगेश की बातों में आ गया और फिर और रुपए योगेश को दे दिए। इस तरह से ओमप्रकाश ने कुल 23.50 लाख रुपए योगेश को दे दिए। ओम प्रकाश ने जब योगेश से इन्वेस्ट किए हुए अमाउंट की रिसिप्ट मांगी तो वह कहने लगा कि जल्द ही उसके अकाउंट में पैसे आ जाएंगे।
ओमप्रकाश ने जो अमाउंट इन्वेस्ट किया था वह उसने उधार लेकर इन्वेस्ट किया था। इसलिए फरवरी 2024 में उसने एयू बैंक से लोन दिलवाने के लिए रामकरण सेवदा को कहा। तब रामकरण सेवदा ने कहा कि मैं डॉक्यूमेंट तैयार करवा रहा हूं। आप ब्लैंक चेक,आधार कार्ड सहित अन्य डॉक्यूमेंट दे दीजिए। इसलिए ओमप्रकाश ने अपना एक चेक और डॉक्यूमेंट रामकरण को देने के लिए योगेश को दे दिया। ओमप्रकाश के पास एक-दो दिन बीतने पर रामकरण का फोन आया। जिसने कहा कि उसके लोन की फाइल कैंसिल हो गई है। जब ओमप्रकाश ने योगेश से चेक और डॉक्यूमेंट की कॉपी मांगी तो योगेश ने कहा कि डॉक्यूमेंट और चेक घर पर सुरक्षित पड़े हैं, कभी भी दे दूंगा। लेकिन सितंबर 2024 में जब ओमप्रकाश ने योगेश से डॉक्यूमेंट और चेक मांगा तो उसने साफ मना कर दिया और कहा कि बार-बार रुपए मांगे तो हाथ पैर तोड़ दूंगा और झूठे मुकदमे में फंसाकर जीना हराम कर दूंगा। फिर ओमप्रकाश ने यह बात अपने परिवार और रिश्तेदार को बताई तो उन्होंने योगेश को बुलाकर बातचीत की। तब योगेश ने कहा कि वह 23.50 लाख रुपए और चेक जल्द ही लौटा देगा। लेकिन आज तक नहीं लौटाए। फिलहाल उद्योग नगर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।