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July 8, 2025 3:00 am


कमेटी की जांच में सीईओ के निजी सहायक पर प्रमाणित नहीं मिला कोई आरोप, क्लीन चिट

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

कमेटी की जांच में सीईओ के निजी सहायक पर प्रमाणित नहीं मिला कोई आरोप, क्लीन चिट

 

अलवर जिला परिषद के जिला प्रमुख द्वारा जिला परिषद अलवर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के निजी सहायक जितेंद्र सिंह चौधरी के खिलाफ पिछले कुछ समय से लगाए जा रहे आरोपों के संबंध में पंचायती राज विभाग राजस्थान के निर्देश पर की गई जांच में जांच कमेटी को कोई भी आरोप प्रमाणित नहीं मिला । जो आरोप जिला प्रमुख की ओर से लगाए गए उनके सबूत भी कार्यालय में उपलब्ध नहीं थे । उल्लेखनीय है कि जिला परिषद की साधारण सभा में जितेंद्र चौधरी को इन्हीं आरोपों के संबंध में निलंबित तक करने का निर्णय ले लिया गया था लेकिन अब जांच में पाया गया है कि ऐसा कोई भी आरोप सच नहीं है। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि साधारण सभा कर्मचारी को निलंबित करने के फैसले लेने में सक्षम नहीं है लेकिन बिना शक्तियों के भी साधारण सभा ने निलंबन का निर्णय ले लिया जो कि गलत है। इससे पहले भी वर्ष 2022 में एक कर्मचारी को साधारण सभा के फैसले के आधार पर निलंबित किया गया था। उस प्रकरण में कर्मचारी पर लगे आरोपों की कोई जांच बिना कराए ही विकास अधिकारी स्तर की एक कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी रही महिला अफसर ने ग्रामीण विकास प्रकोष्ठ के कर्मचारी को राजनैतिक इशारे पर निलंबित कर दिया था । बाद में राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण ने इस निलंबन आदेश पर भी रोक लगाई । इसके बाद विकास अधिकारी स्तर की कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने 15 दिन बाद ही कर्मचारी को फिर से निलंबित कर दिया और एक कदम आगे बढ़ते हुए ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारी के निलंबन का अनुमोदन राज्य सरकार को गुमराह करते हुए पंचायती राज विभाग से करवा लिया। इस मामले में भी अब मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी पत्र के बाद ग्रामीण विकास विभाग ने 7 मार्च 2024 को उस कर्मचारी को 16 महीने तक निलंबित करके प्रकरण में विलंब करने वाले जिला परिषद के अधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे लेकिन करीब 6 महीने गुजरने के बाद भी जिला परिषद ने मुख्यमंत्री कार्यालय और ग्रामीण विकास विभाग के निर्देशों पर भी 16 महीने प्रकरण में विलंब करने वालों पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की। अब मुख्य कार्यकारी अधिकारी के निजी सहायक जितेंद्र चौधरी पर लगाए गए आरोप भी प्रमाणित नहीं पाए जाने से जिला परिषद में चारों ओर चर्चा है कि आखिर जब आरोपों के कोई सबूत ही कार्यालय में मौजूद नहीं होते तो राजनीतिक इशारे पर आखिर लगने वाले आरोपों के संबंध में कर्मचारियों का निलंबन करने का फैसला साधारण सभा तक क्यों जाता है और क्यों बार-बार जिला स्थापना समिति में राजनीतिक लोग इस मामले को उठाते हैं । कार्मिक विभाग के परिपत्र के अनुसार बिना जांच कराए कर्मचारी को यदि इस मामले में निलंबित कर दिया जाता तो दूध का दूध और पानी का पानी कभी नहीं हो पाता लेकिन जांच कमेटी ने अब अपनी रिपोर्ट में सभी आरोपों को गलत माना है। उल्लेखनीय है कि अलवर जिला परिषद के जिला प्रमुख द्वारा मुख्य कार्यकारी अधिकारी के निजी सहायक जितेंद्र चौधरी पर कई बार आरोप लगाए और कई बार यह मुद्दा गरमाया लेकिन यह मुद्दा भी हर मुद्दे की तरह बिना सिर पैर का ही निकला। जिस मामले में गलत भुगतान की बात लिखी गई थी वह भी पहले ही वसूल होना पाया गया।

Author: AKSHAY OJHA

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