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July 5, 2025 10:19 am


बिजोलिया नगर पालिका के अतिक्रमण हटाओ अभियान से छोटे व्यापारियों के ऊपर छाया रोजगार का संकट, नगर पालिका के तुगलकी फरमान से छोटे व्यापारियों के छलके आंसू, व्यवसाय नहीं होने से सड़क पर आया व्यापारियों का परिवार

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

बिजोलिया (बलवंत जैन)। बिजोलिया नवगठित नगर पालिका वर्तमान में अपने प्रथम कार्य कस्बे में अतिक्रमण को लेकर के ज्यादा संवेदनशील नजर आ रही है। विगत पांच दिनों से अधिशासी अधिकारी पंकज कुमार मंगल के नेतृत्व में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है। तीन चरणों में चलाए जा रहे इस अभियान के तहत अधिशासी अधिकारी के द्वारा लोगों से समझाइश कर उन्हें अतिक्रमण हटाने के लिए निवेदन किया जा रहा है। आज्ञा की अवहेलना करने पर सामानों को जप्त किया जा रहा है। अधिकारी के आदेश का पालन करते हुए गुमटी, ठेला गाड़ी वाले पूर्ण रूप से सहयोग कर अपने अतिक्रमण को हटाते हुए नजर आ रहे हैं। किंतु बिजोलिया नगर पालिका के अतिक्रमण हटाओ फरमान से गरीब मजदूर दिहाड़ी व्यापारियों में रोजगार का संकट उत्पन्न हो गया है। नगर पालिका के इस फरमान से छोटे व्यापारी कस्बे में व्यापार को लेकर के असमंजस की स्थिति में आ गए हैं। लगभग पांच दिनों से अपने व्यापार को सही रूप से नहीं चलाने से बेरोजगारी के बादल उन पर मंडरा रहे हैं। संवाददाता के द्वारा छोटे व्यापारी वर्गों से बातचीत के क्रम में आगरा के कपड़ा व्यापारी मुकेश सिंह, जीतू गुर्जर, शैतान गुर्जर, सुरेश बंजारा, सलीम खान, मोहम्मद मतीन, मुशर्रफ़ खान, मन्नालाल बंजारा, का कहना है कि हम हर सर्दी में अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए बिजोलिया गांव में आकर के दो माह के लिए अपना व्यापार करते हैं। और फिर अपने गांव चले जाते हैं। लेकिन इस बार प्रशासन के सख्त रवैया से हमारे परिवार पर बहुत बड़ा संकट आज चुका है। हमें यहां से नगर पालिका के द्वारा हटाने का आदेश दे दिया गया है। लाखों रुपए का निवेश कर हम सामान खरीद कर परिवार को चलाने के लिए लेकर के आए हैं। ताकि बेचकर उसे मुनाफा कमा सके और परिवार का भरण पोषण कर सके। किंतु इस फरमान से लगता है अब हमारा परिवार संकट में आ गया है। वही तेजाजी चौक पर गुमटी लगाने वाले मनिहारी व्यापारी कपड़ा व्यापारी, मिर्ची व्यापारी, ताला चाबी व्यापारी एवं अन्य सामान बेचने वाले व्यापारियों का कहना है की नगरपालिका के द्वारा पूर्ण रूप से अतिक्रमण हटाना सही है। व्यापारी ओम लखारा का कहना है कि हम लगभग 40 सालों से यहां पर साइड में बैठकर धंधा कर रहे हैं। किंतु यहां से हटवा कर हमारे परिवार गहरे संकट में आ जाए आ गए हैं।

 

अधिशासी अधिकारी के सामने हाथ जोड़ निवेदन करने के बाद भी अधिकारी का दिल नहीं पिघल रहा है। और वह पूर्ण रूप से हमें यहां से हटाने को लेकर कमर कस चुके हैं। इसी संबंध में व्यापारी राकेश जैन का कहना है बिजोलिया खनन क्षेत्र में पहले से ही मंदी की मार जेल रहा है। ऊपर से छोटे व्यापारियों के साथ इस प्रकार की नाइंसाफी  कस्बे के छोटे व्यापारियों और उनके परिवार के लिए सही नहीं है। अगर हमें यहां से हटाया गया तो हम अपने परिवार को लेकर सड़क पर आ जाएंगे। और हम कैसे उनका भरण पोषण कर पाएंगे। हमारे सामने रोजगार का संकट उत्पन्न हो जाएगा। मनिहारी व्यापारी शांतिलाल लखारा का कहना है कि हम छोटे गरीब व्यापारियों के अतिक्रमण हटाना सही नहीं है। बिजोलिया में बड़े-बड़े रसूखदार जिन्होंने सरकारी जमीन और नगर पालिका की जमीन पर वर्षों से कब्जा कर रखा है। अधिशासी अधिकारी को पहले शुरुआत उनसे करनी चाहिए थी। इस संबंध में निशार खान का कहना है कि छोटे व्यापारियों के अतिक्रमण को लेकर के जिन्होंने शिकायत की है उन्होंने स्वयं सरकारी जमीन पर कब्जा कर अवैध निर्माण कर चुके हैं। बेवजह गरीबों को परेशान किया जा रहा है। संवाददाता के द्वारा प्रेस वार्ता में अधिशासी अधिकारी पंकज कुमार मंगल इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि किसी भी गरीब व्यापारी के साथ अन्याय नहीं होगा जो लोग जहां पर स्थापित हैं उन्हें वहीं पर रखा जाएगा।किंतु उनकी जगह को सीमित किया जाएगा। और अन्य लोगों को सेट किया जाएगा। ताकि 10 दुकान की जगह है 20 दुकान लगा सके।

Author: JITESH PRAJAPAT

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