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July 8, 2025 9:11 pm


विधानसभा के बाहर 3 लाख की रिश्वत लेते ऑफिसर गिरफ्तार : आरोपी का भाई ED में अधिकारी, अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने वाली टीम में था

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

अलवर। जयपुर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की टीम ने राजस्थान विधानसभा के बाहर राजस्व अधिकारी को पकड़ा है। मंगलवार शाम को विधानसभा के गेट नंबर-3 के बाहर ये कार्रवाई हुई। आरोपी रेवेन्यू ऑफिसर युवराज मीणा वर्तमान में अलवर नगर निगम में पोस्टेड है।

जानकारी के अनुसार आरोपी ने एक प्राइवेट कंपनी की फाइल आगे बढ़ाने के नाम पर पैसे मांगे थे। युवराज मीणा (35) का चचेरा भाई प्रवर्तन निदेशालय (ED) में अधिकारी है। वह दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने वाली टीम में भी था।

खुद कार में बैठा रहा, साथी को रिश्वत लेने भेजा

ASP ओमप्रकाश किलानिया ने बताया- आरओ युवराज मीणा जयपुर के आमेर का रहने वाला है। उसने जयपुर में ही कंपनी के प्रतिनिधि से रिश्वत की रुपए लाने के लिए कहा था। मंगलवार रात करीब आठ बजे आरोपी अपने एक साथी के साथ डील करने के लिए विधानसभा के बाहर पहुंचा था।

कंपनी से मिली शिकायत के आधार पर ACB की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ने की तैयारी की थी हालांकि, युवराज मीणा खुद रुपए लेने कार से नहीं उतरा। उसका साथी कंपनी के प्रतिनिधि से रुपए लेने आया। रुपए लेते ही ACB की टीम ने युवराज मीणा को गिरफ्तार कर लिया।

बुधवार सुबह 4 बजे तक अलग-अलग ठिकानों पर सर्च

किलानिया ने बताया कि अलवर में यूडी टैक्स वसूलने वाली कंपनी ने अक्टूबर-नवंबर महीने में टेंडर लिया था। कंपनी के किए गए कामों की फाइल को आरओ युवराज मीणा आगे नहीं बढ़ा रहा था। इसके बाद कंपनी से 3 लाख रुपए की मांग की थी। इस पर कंपनी ने ACB में शिकायत की, जिसके बाद ट्रैप की प्लानिंग की गई थी।

ACB टीम ने रुपए बरामद करने के बाद मीणा के जयपुर स्थित घर और अलवर ऑफिस में कागजों को खंगाला। कार्रवाई बुधवार सुबह 4 बजे तक चली। बताया जा रहा है कि युवराज मीणा शराब घोटाले में दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने वाली ईडी टीम में शामिल अफसर का चचेरा भाई है।

अलवर में हॉर्डिंग के विज्ञापन तक रोके

आरोप है कि युवराज मीणा ने लंबे समय से अलवर में नगर निगम के होर्डिंग का टेंडर तक अटका रखा है। टेंडर जारी नहीं होने के पीछे मिलीभगत की शिकायत पहुंची है। केवल टेंडर नहीं होने से निगम को हर साल कई करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है। जानकारी के अनुसार अब अफसर इसकी जांच भी करेंगे।

रेवेन्यू ऑफिसर को मिली थी अनुकंपा नियुक्ति

रेवेन्यू ऑफिसर युवराज मीणा की 2012 में अनुकंपा नियुक्ति हुई थी। उनकी पिता की जगह नौकरी लगी थी। अक्टूबर 2024 में अलवर नगर निगम में पोस्टेड हुए थे। इससे पहले जयपुर में जेडीए में पदस्थापित थे। मीणा को लोगों के सामने खुद को हाई प्रोफाइल दिखाना पसंद है।

Author: JITESH PRAJAPAT

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