चित्तौड़गढ़। जिले के भदेसर इलाके में पोटला खुर्द गांव में बुधवार शाम को एक महिला पर लेपर्ड के हमले के बाद गुरुवार को मौके पर पिंजरा लगाया गया है। इसके लिए चित्तौड़गढ़ वन विभाग से फ्लाइंग टीम और पोटला वन नाके की टीम भी मौके पर पहुंची। ग्रामीणों की मदद से पहले पूरे क्षेत्र का जायजा लिया गया। उसके बाद लेपर्ड के पगमार्क मिलने वाली जगह पर पिंजरा लगाया गया। बता दे कि महिला अपने खेत पर सब्जियां लेने गई थी। महिला के चिल्लाने और लेपर्ड के आंखों पर मिट्टी फेंकने के कारण उसकी जान बच गई।
खेत से लौट रही महिला पर किया था हमला
पोटला खुर्द गांव में नरेगा मजदूर चंद्रा भील पत्नी कैलाश भील बुधवार शाम को काम खत्म करके घर पहुंची। थोड़ी देर में वो अपने खेत पर सब्जियां लेने गई थी। लेपर्ड भी उसी खेत में पानी के गड्ढे में छुपकर बैठा हुआ था। महिला ने सब्जियां लेने के दौरान लेपर्ड को देख लिया था। चंदा ने धीरे से वहां से निकलने की कोशिश की। लेकिन लेपर्ड ने अचानक महिला के गर्दन पर झपट्टा मारने की कोशिश की। महिला ने अपनी गर्दन को जैसे-तैसे बचा तो लिया, लेकिन लेपर्ड के मुंह में उसका हाथ फंस गया। लेपर्ड के हमले से वो नीचे गिर पड़ी और अपने दूसरे हाथ से मिट्टी उठाकर लेपर्ड के आंखों की तरफ फेंका। इसके कारण लेपर्ड भी मौके से भाग निकला।
मौके से मिले लेपर्ड के 2 पगमार्क
इसकी जानकारी वन विभाग को दी गई। निंबाहेड़ा रेंज से रेंजर राजेंद्र चौधरी, असिस्टेंट फॉरेस्टर लक्ष्मण सिंह राव, पोटला वन नाका क्षेत्र के वनकर्मी मौके पर पहुंचे। इसके बाद पिंजरा लगाने के लिए चित्तौड़गढ़ वन विभाग से फ्लाइंग टीम को बुलाया गया। लेकिन बुधवार को अंधेरा हो जाने के कारण लोकेशन मिल पाना मुश्किल हुआ। जिसके कारण पिंजरा नहीं लगाया गया था। गुरुवार सुबह फिर से चित्तौड़गढ़ वन विभाग से फ्लाइंग टीम मौके पर पहुंची। फ्लाइंग टीम इंचार्ज रेंजर नेपाल सिंह, तकनीशियन भगवान लाल, वाहन चालक शंकर लाल सहित अन्य वनकर्मी थे। सभी ने ग्रामीणों की मदद से मौके पर जाकर देखा। वहां पर लेपर्ड के 2 पगमार्क मिले। उसी जगह पिंजरा लगाया गया और आसपास के क्षेत्रवासियों को पिंजरे के पास नहीं आने की अपील भी की।