पाली। जिले में एक ट्रक ड्राइवर रात के अंधेरे में खेत में अपने नाना के पास झोपड़ी में सो रही डेढ़ साल की मासूम को उठाकर ले आया। जैसे ही वह सड़क पर आया उधर पेट्रोलिंग कर रहे टोलकर्मियों की नजर उस पर पड़ी। घबराकर युवक बच्ची को सड़क पर रखकर खेत में भाग गया। पीछाकर टोलकर्मियों ने उसे पकड़ा और पुलिस का सौंपा। बाद में बच्ची को उसके परिजनों को सौपने की कार्रवाई कर पुलिस ने आरोपी ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्जकर जांच शुरू की।
दरअसल घटना पाली जिले के सांडेराव थाना क्षेत्र में बुधवार देर रात को हुई। सड़क किनारे ट्रक खड़ाकर एक 30 साल का ड्राइवर किसान भोमाराम के खेत में घुसा वहा कच्ची झोपड़ी में सो रही डेढ़ साल की बच्ची को और वहां रखा मोबाइल उठाया और ट्रक में बैठकर बच्ची को ले जाने की फिराक में था। इतने में उधर से रात्रि गश्त के रहे टोल प्लाजा के पेट्रोलिंग टीम के आरपीओ हकमाराम, आरपीवीडी शोभाराम, हेल्पर विनोद कुमार ने आरोपी ट्रक ड्राइवर को बच्ची के साथ देखा तो उसे रूकने को कहा लेकिन वह बच्ची को सड़क पर रखकर वापस खेतों में भाग गया। लेकिन हिम्मत का परिचत देते हुए दो टोलकर्मियों ने उसका पीछाकर उसे पकड़ा वही एक टोलकर्मी ने बच्ची को संभाला। आरोपी को पकड़कर उन्होंने सांडेराव थाना पुलिस को सौंपा। आरोपी के
खिलाप मामला दर्ज, जांच शुरू
पीड़ित किसान भोमाराम ने बताया कि उसकी बेटी डिलेवरी पर आई हुई है। और आरोपी जिस डेढ़ साल की बच्ची को उठाकर ले गया था वह उसकी नातिन है। जो उसके पास सो रही थी। भोमाराम की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्जकर जांच शुरू की। टोल के पेट्रोलिंग टीम की सजगता से बची मासूम इस पूरे घटनाक्रम में टोल प्लाजा के पेट्रोलिंग टीम की बहादूरी सामने आई। उन्होंने हिम्मत का परिचय देते हुए आरोपी का खेत में पीछा किया और उसे पकड़ा फिर पुलिस को सौंपा। जिससे आरोपी डेढ़ साल की बच्ची का अपहरण में कामयाब नहीं हो सका।
SHO का फोन नो रिप्लाई मामले में जब सांडेरवा थाने की SHO गीतासिंह से कई बार फोन कर मामले में जानकारी लेना चाहिए लेकिन हर बार उनका फोन नो रिप्लाई ही आया। इसके साथ ही इस पूरे मामले में सांडेराव थाना पुलिस की लापरवाही सामने आई। सूचना के बाद भी वे मौके पर नहीं पहुंचे। ऐसे में टोलकर्मी आरोपी और बच्ची को लेकर थाने गए। डेढ़ साल की बच्ची के अपहरण के प्रयास करने जैसी गंभीर मामले को लेकर भी थानाप्रभारी गीतासिंह सजग नजर नहीं आई। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि हाइवे पर स्थित सांडेराव जैसे महत्वपूर्ण थाने की कमान वे कैसे संभालेगी। जबकि यहां आए दिन एक्सीडेंट होते रहते है। तस्कर भी इसी रास्ते से होते हुए गुजरात की तरफ जाते है।