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June 9, 2025 10:36 am


कांगेस के कद्दावर नेता व पूर्व काबीना मंत्री रामलाल जाट सहित अन्य के विरूद्ध दिए राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर ने दर्ज दो एफआईआर मामले की सीबीआई करेगी निष्पक्ष जांच

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

जाट व अन्य कि मुशकिले बड़ी

भीलवाड़ा। जिले के आसिंद थाना क्षेत्र में राजसंमद जिले के गढ़बोर चारभुजा हाल निवासी बिला एसपी रोड के ब्लेक माउंट ग्रेनाईट प्राईवेट लिमिटेड के डायरेक्टर के साथ बड़ी की धोखाधड़ी करने के मामले में दो अलग-अलग परिवाद कांगेस के कद्दावर नेता व पूर्व काबीना मंत्री रामलाल जाट व अन्य के खिलाफ दर्ज मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय मुख्य पीठ जोधपुर ने बुधवार को सीबीआई को निष्पक्ष जांच करने के आदेश जारी करने के बाद राजनेतिक हलकों में खलबली मची है। उच्च न्यायालय में राजसंमद के गढ़बोर चारभुजा हाल सी-विंग, सांताक्रूज (पश्चिम) मुंबई निवासी याचिकाकर्ता परमेश्वर रामलाल जोशी पुत्र रामलाल प्रताप जोशी ने एफआईआर संख्या 202/2024 अन्तर्गत धारा 420, 467, 468, 471, 425, 427, 217, 218/34, 120 बी पुलिस स्टेशन, करेडा में धारा और एफआईआर संख्या 234/2024 अन्तर्गत धारा 303(2), 333, 305(ए), 60(ए) पुलिस स्टेशन करेडा, जिला भीलवाडा से उत्पन्न मामले में निष्पक्ष, उचित, निष्पक्ष और शीघ्र जांच करने के लिए दर्ज कराई था। इस पर मंगलवार 04 फरवरी 2025 राजस्थन उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ जोधपुर के न्यायाधीश फरजन अली ने अपने आदेश के बिन्दु संख्या 21 में

(ए) एफआईआर संख्या 234/2024 पी.एस. करेड़ा तथा एफआईआर संख्या 202/2024 पी.एस. करेड़ा, जिला भीलवाड़ा, राजस्थान को मामले में आगे की जांच के लिए सीबीआई को हस्तांतरित करने का निर्देश दिया जाता है।

(बी) सीबीआई के निदेशक को इन दोनों मामलों में नए सिरे से जांच करने के लिए एक जिम्मेदार अधिकारी को प्रतिनियुक्त करने का निर्देश दिया जाता है।

(सी) पुलिस अधीक्षक, भीलवाड़ा, राज्य प्राधिकारियों के माध्यम से सीबीआई कार्यालय को संबंधित फाइलों सहित संपूर्ण रिकॉर्ड भेजने की व्यवस्था करेंगे।

(डी) सीबीआई के नवनियुक्त अधिकारियों को केस डायरियां पुलिस महानिदेशक, जयपुर, राजस्थान के कार्यालय से प्राप्त होंगी।

(ई) सीबीआई के निदेशक सभी मामलों में निष्पक्ष, निष्पक्ष और शीघ्र जांच सुनिश्चित करेंगे तथा उसके बाद बिना किसी अनावश्यक देरी के संबंधित न्यायालय में रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सकेगी।

(एफ) मुकेश राजपुरोहित, विद्वान डीएसजी भी सीबीआई के अधिकारियों को आदेश के बारे में सूचित करेंगे।

यह था मामला :-

(ए) प्रिवादी परमेश्वर जोशी ब्लेक माउन्ट ग्रेनाईटस प्राईवेट लिमिटेड के डायरेक्टर ने भीलवाड़ा जिले के ग्राम रघुनाथपुरा, तहसील करेड़ा, जिला भीलवाड़ा में दो माईन्स जिसमें ग्रेनाईट का खनन कार्य होता है, उक्त माईन्स से निकलने वाले ग्रेनाईट का व्यवसाय व खनन कार्य आदि ब्लेक माउन्ट ग्रेनाईटस प्राईवेट लिमिटेड के नाम से किया जाता है। ब्लेक माउन्ट ग्रेनाईट प्राईवेट लिमिटेड की उक्त कम्पनी की मशीनरी व वाहन को किराये पर सुरेश जाट को 5 लाख 21 हजार रूपए प्रतिमाह पर 16 मार्च 2022 को किराये पर दी थी और एक इकरार के जरीए किराये पर अभियोगी के हस्ताक्षर सहित सुरेश जाट को दिया गया था। माईनिंग लीज 66/12 व 68/12 है। पुलिस थाना आसीन्द द्वारा परिवादी माईन्स से उसकी बिना इजाजत खनन कार्य कर रहे मजदुरो से मारपीट की व थाने में बंद करवा देने की धमकी देकर परिवादी की माईन्स पर पडे खनन उपकरणों, वाहन आदि को 17 जून से लेकर 24 जून 2022 के मध्य जबरदस्ती उठाकर चोरी कर लिए जाने कि शिकायत पिडित द्वारा आरोपी रामलाल पुत्र जमनालाल जाट, सुरज जाट पुत्र रामकुंवर जाट, निवासी प्रतापपुरा, महिपाल सिंह पुत्र हनुमानसिंह, निवासी अण्टाली, महावीर प्रसाद चैधरी पुत्र रामस्वरूप चैधरी थाना आसीन्द, पुरण पुत्र मन्नु गुर्जर, निवासी ज्ञानगढ, पुलिस थाना करेड़ा के खिलाफ महानिर्देशक पुलिस राजस्थान महानिरीक्षक पुलिस अजमेर रेंज, पुलिस अधीक्षक भीलवाड़ा व थानाधिकारी करेड़ा को दी थी, लेकिन उसके बावजूद भी पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ प्रथम सूचना इसलिये दर्ज नही की, क्योंकि अरोपीगणों में से एक रामलाल जाट उस समय त्तकालीन गहलोत सरकार में राजस्व मंत्री थे तथा बकाया अभियुक्तगण उनके कर्मचारी व रिश्तेदार थे, इसीके चलते पुलिस ने कोई कर्रवाई नहीं की थाना करेड़ा ने उक्त इकरार जो कि सुरेश जाट द्वारा थाना करेड़ा को दिया गया, को सही मानते हुए प्रकरण में अभियुक्तगण के द्वारा कोई संगीन अपराध न मानते हुए। तथा माईन्स से हटाये गये वाहन उपकरण आदि पर अभियोगी की सहमति उक्त किराया इकरार के होने से प्रकरण चोरी का बनना नहीं पाकर सिविल नेचर का मानकर रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी।  जिसके चलते पिडित ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।

(बी) परिवादी डायरेक्टर ब्लेक माउन्ट ग्रेनाईट प्राईवेट लिमिटेड परमेश्वर पुत्र रामलाल जोशी, निवासी मकान नम्बर 5. ब्रहम्पुरी, जिलवाड़ा, तहसील गढबोर चारभुजा, हाल निवासी सुन्दर विल्ला एस.वी. रोड मुम्बई, ने आरोपीगण जितेन्द्र धाबाई पिता ओमप्रकाश गुर्जर, निवासी बी-2, जनता कॉलोनी जयपुर (राज.), श्याम सुन्दर पिता कैलाश चन्द्र गोयल, निवासी शाहगंज दरवाजा मथुरा (राज.), चन्द्रकांत शुक्ला पिता राम कुमार शुक्ला, निवासी देवीदयाल, राज कुमार विश्राई पिता किशनाराम विश्नोई, निवासी पृथ्वीराज पाली मार्ग के पास, झालामण्ड, जोधपुर (राज.), अरविन्द श्रीवास्तव उर्फ मनीष धाबाई (वर्मा) पुत्र जगदम्बा लाल श्रीवास्तव, निवासी शिवमार्ग, बनीपार्क जयपुर (राज.) के खिलाफ अपराध धारा 303, 333, 305, 60 भारतीय न्याय संहिता ग्राम रघुनाथपुरा, तहसील करेड़ा, जिला भीलवाड़ा उक्त माईन्स पर खनन कार्य करने हेतु 1-टाटा हिटाची 450 एक्सकेवेटर, 2-एक डम्पर टाटा मैक का नम्बर आर जे 30 जी ए 1304. 3- दो डीजल एयर कम्प्रेशर नम्बर एक्सए 140, एवं दो लेथ मशीन, दो टेंक मशीने खान पर लगी हुई थी।

उक्त माईन्स पर स्थित मशीनों को माह अक्टुम्बर सन् 2018 से माह जनवरी सन् 2021 के मध्य में उपरोक्त आरोपियों ने एक आपाराधिक षंडयंत्र के तहत कुठरचित दस्तावेज बनाकर उक्त मशीनों वाहनों आदि को बिना परिवादी की रजामंदी के उक्त वाहन व मशीनरी चोरी हो जाने पर अभियोगी ने उक्त घटना की सूचना संबंधित थानाधिकारी तथा पुलिस महकमा राजस्थान जयपुर को व अन्य अधिकारियो को दी, लेकिन घटना की सूचना देने के बावजुद आज दिन तक कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है, ना ही आरोपीगण के विरूद्ध कोई तफ्तीश आदि की गयी। अभियोगी की उक्त मशीनरी उदयपुर (राजस्थान) में कम्पनी मैसर्स अर्द्ध एसएस मूवर्स, 119 प्रियदर्शिनी नगर, उदयपुर में देखी गयी थी, जिन्होने उक्त मशीनो में से मशीन टाटा हिटाची 450 को केरल में खुर्द बुर्द करने की नियत से रख रखी है, जिसका पूर्ण पता की मशीन केरल में कौनसी जगह पर है, इसकी जानकारी अभियोगी को नही हो सकी है। आरोपिगण ने बिना अभियोगी की जानकारी व स्वीकृति के चैरी-छिपे उक्त मशीनरी व वाहन अभियोगी की ब्लेक माउण्ट ग्रेनाईट प्राईवेट लिमिटेड के रघुनाथपुरा, थाना करेड़ा में स्थित परिसर से चुराई गयी। उक्त इकरार दिनांक 16 मार्च 2022 की प्रमाणित प्रतिलिपि पिड़ित ने न्यायालय से प्राप्त कर उसकी जांच डॉक्टूमेन्टल, एक्जामीनर एण्ड फोरीसिंक सांईस कन्सलटन, डॉक्टर दिनेश सेठ फार्मल एडीशनल डायरेक्टर राजस्थान पुलिस फोरीसिंक सांईस लेबोरेटी से करवाई तो तथाकथित इकरार में पिड़ित परमेश्वर जोशी के हस्ताक्षर नही थे।

अभियुक्तगण व पुलिस अधिकारी सुनील बेडा एवं गोपाल स्वरूप मेवाड़ा ने अभियुक्तगण को बचाने की नियत से इकरार की सत्यता बाबत् जानबुझकर कोई तफ्तीस नही की। न ही असल इकरार रेकॉर्ड पर लिया गया जो यह बताता है कि उक्त दोनो पुलिस कर्मचारी भी अभियुक्तगण से षडयंत्र कर उन्हे बचाना चाहते है। इस पर थाना करेड़ा ने उक्त प्रकरण कों अदम वकुआ मानते हुए अदालत में पत्रावली को दाखिल कर दी। जिसके चलते पिड़ित ने आरोपियों के खिलाफ फोजदारी याचिका दायर की जिस पर राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति फरजन अली ने अहम व ऐतिहासिक आदेश देते हुए जांच सीबीआई को सौपी। अब देखना है कि सीबीआई इस मामले में क्या कार्यवाही करती है…..???? अब या कदावर व्यक्ति अपने आप को बचाने में कितने कामयाब होते है…..???

Author: JITESH PRAJAPAT

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