बांसवाड़ा। जिले में चिकित्सा विभाग में सीएमएचओ के एक पद पर दो अधिकारी काबिज हैं। ऐसे में कार्मिकों के मानदेय का संकट बन गया है। दोनों में से आहरण वितरण का अधिकार किसके पास है, यह स्पष्ट नहीं है।
तबादलों के दौर के बाद जिले में कई केन्द्र पर भी जिम्मेदारों को आहरण-वितरण के अधिकारी के आदेश नहीं मिले हैं। मानदेय नहीं मिलने की समस्या एक दो नहीं बल्कि जिले के तकरीबन 300 अस्थाई कार्मिकों के आगे खड़ी हो चुकी है। सीएमएचओ कार्यालय एमजी अस्पताल, कुशलगढ़ और परतापुर के खंड ब्लॉक कार्यालयों के अधीन कार्यरत कार्मिक इससे प्रभावित है। सभी जल्द समाधान की आस में हैं।
कुशलगढ़ और परतापुर ब्लॉक में यही समस्या
परतापुर ब्लॉक हो या कुशलगढ़ इन दोनों में अस्थाई कार्मिकों के आगे वेतन की समस्या है। बीते माह जारी दोनों ब्लॉक्स से बीसीएमओ के तबादले हो जाने के कारण अन्य चिकित्सकों को जिम्मेदारी तो सौंप दी गई। लेकिन आहरण वितरण के अधिकार अभी तक नहीं दिए गए। तकरीबन 150 कार्मिक वेतन की आस देख रहे हैं।
एमजी अस्पताल में 132 कार्मिक इंतजार में
महात्मा गांधी अस्पताल से पीएमओ का तबादला होने के कारण यहां भी यही समस्या खड़ी हो गई है। निदेशालय की ओर से अभी तक कार्यवाहक पीएमओ को आहरण वितरण के अधिकार न देने के कारण 132 अस्थाई कार्मिकों के वेतन भुगतान नहीं किया जा है। ऑपरेटर स्वीपर, यशोदा इन कार्मिकों के आगे आर्थिक संकट मंडराने लगा है।
बांसवाड़ा सीएचएमओ डॉ. खुशपाल सिंह राठौड़ का इसे लेकर कहना है कि परतापुर और कुशलगढ़ ब्लॉक में बीसीएमओ के आहरण वितरण अधिकारों के लिए पत्र लिखा गया है। जल्द ही समस्या का समाधान होगा। सीएमएचओ पद के लिए निदेशालय के निर्देश के अनुरूप कार्य किया जाएगा। इसके लिए भी निदेशालय से मार्गदर्शन मांगा है।