Explore

Search

March 14, 2025 11:51 pm


बच्चे का दिल धीमे धड़कता था, शरीर में भरा पानी : 8 किलो गिरा वजन; डॉक्टर बोले- 20 साल मेडिकल करियर में पहला केस ऐसा देखा

Picture of Pankaj Garg

Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

पाली। 13 साल के बच्चे के दिल की धड़कन कमजोर हो गई थी। सांस लेने में दिक्कत थी। वजन 8 किलो घटकर 22 किलो रह गया था। हॉस्पिटल में डॉक्टरों चेक किया तो पाया कि दिल और लिवर के आसपास 10 लीटर पानी भरा है। बच्चे को भर्ती कर 7 दिन में इलाज कर उसकी जान बचा ली गई। मामला पाली के बांगड़ हॉस्पिटल का है।

पाली के बाली उपखंड के कोयलाव क्षेत्र में रहने वाले 13 साल के बच्चे को 3 फरवरी की दोपहर परिजन बांगड़ हॉस्पिटल (पाली) लेकर पहुंचे थे। तब उसकी हालत नाजुक थी। हार्ट पंपिंग काफी कम कर रहा था। फेफड़ों के आसपास पूरी बॉडी में पानी भरा हुआ था। सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।

5 दिन वेंटिलेटर पर रख किया इलाज

चाइल्ड विभाग के यूनिट हेड डॉक्टर आरके विश्नोई के नेतृत्व में टीम ने बच्चे की गंभीर हालत देख उसे तुरंत वेंटिलेटर पर रखने का फैसला लिया। 5 दिन वेंटिलेटर पर रखा। उसकी बॉडी और फेफड़ों में भरे पानी को बाहर निकाला और मरीज के हार्ट की मांसपेशियों को मजबूत करने का इलाज शुरू किया।

5 दिन बाद उसकी हालत में सुधार हुआ। फिर उसे 2 दिन HFNC (हाई फ्लो नोजल केनुला) मशीन पर रखा गया। जिसमें मरीज की बॉडी को ऑक्सीजन हाई फ्लो से मिलती रहे। 7 दिन की मेहनत के बाद उसे नार्मल ऑक्सीजन पर लिया गया। अब उसकी हालत खतरे से बाहर है।

डॉक्टर आरके विश्नोई ने बताया- बांगड़ हॉस्पिटल में 20 साल के करियर में यह पहला मौका है, जब इस हालत में मासूम मरीज सामने आया। उसके अधिकांश ऑर्गन फेल्योर कंडीशन में थे। कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाए है, इसके लिए जांच की जाएगी।

बच्चे की यूरिनल पार्ट (पेशाब नली) में भी समस्या है। जिस रास्ते से यूरीन पास होना चाहिए, वहां से नहीं आकर दूसरे रास्ते से आ रहा है। इसे लेकर भी फिलहाल जांच की जा रही है और इलाज किया जाएगा। परिजन अगर डॉक्टर तक पहुंचने में चंद घंटों की देरी करते तो बच्चे की जान भी जा सकती थी। अब हालत में सुधार है।

वजन घटकर हो गया 30 से 22 किलो

बांगड़ हॉस्पिटल में बच्चों की कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर निधि कौशल ने बताया- मरीज को जब लाए उसकी हालत बेहद नाजुक थी। इको जांच की तो सामने आया कि हार्ट की मांसपेशियां काफी कमजोर हैं। हार्ट ढंग से काम नहीं करने की वजह से उसकी बॉडी और फेफड़ों में पानी भर गया।

सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी। इतनी कम उम्र में मरीज की हार्ट की मांसपेशियां कमजोर क्यों हो गई इसको लेकर आवश्यक जांच करवाई जा रही हैं। प्रारंभिक तौर पर वायरल इन्फेक्शन, आनुवंशिक , एंडोक्रीन (ग्लैंड्स) मेटाबोलिक कारण की वजह से यह दिक्कत होती है।

इलाज में हॉस्पिटल की यह टीम रही शामिल

बांगड़ हॉस्पिटल के पीआईसीयू वार्ड में मरीज भर्ती है। जहां चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ आरके विश्नोई के नेतृत्व में बच्चों की कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर निधि कौशल, डॉ प्रियाबा चुडासमा, डॉ समीर, डॉ राजीव, डॉ कैलाश सीरवी, डॉ चंद्रवीर, डॉ अंकुर खंडेलवाल, नर्सिंग अधिकारी कुलदीप मेवाड़ा, कुलदीप गोयल, नरेंद्र कुमार जुटे रहे।

Author: JITESH PRAJAPAT

Leave a Comment

Ads
Live
Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर