टोंक। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार की ओर से विमुक्त, घुमंतु एवं अर्द्ध घुमंतु समुदाय के आवासहीन परिवारों को स्थायी आवास उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री घुमंतु आवास योजना के तहत 1 लाख 20 हजार रुपये तक का अनुदान मिलेगा। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक करतार सिंह मीणा ने बताया कि बजट घोषणा संख्या 83 (वर्ष 2024-25) की अनुपालना में यह योजना लागू की गई है।
जिनके पास नहीं है मकान, उनको मिलेगा फायदा
इस योजना में उस व्यक्ति को आवास के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए मिलेंगे, जिनके पास खुद का मकान नहीं है और शहरी या ग्रामीण क्षेत्रों की झुग्गी बस्तियों में अस्थायी तंबुओं, झोपड़ियों, कच्चे घर आदि में रह रहे हैं। इन बस्तियों में स्वच्छता, पेयजल, सीवरेज, बिजली, सड़क और सार्वजनिक शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं। योजना के तहत उन आवासहीन परिवारों को लाभान्वित किया जाएगा, जिन्हें पहले से पट्टे वितरित किए गए हैं। ऐसे परिवार जन आधार के माध्यम से ई-मित्र पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए विमुक्त, घुमंतू एवं अर्द्ध घुमंतु जाति प्रमाण-पत्र, सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी भूखंड आवंटन का पट्टा एवं अन्य निर्धारित दस्तावेज, मूल निवास प्रमाण-पत्र, वार्षिक आय प्रमाण-पत्र आवश्यक है।
20 साल बेच नहीं सकेंगे मकान
उपनिदेशक मीणा ने बताया कि आवेदक को नॉन-ज्यूडिशियल स्टाम्प पेपर पर यह घोषणा करनी होगी कि राज्य में कहीं पर भी उसका स्वयं का दूसरा घर नहीं है और सरकार से प्राप्त सहायता से बना घर 20 वर्षों तक विक्रय नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, आवेदक को इस घर में स्वयं निवास करना होगा और केंद्र या राज्य सरकार की किसी अन्य आवासीय योजना का पूर्व में लाभ नहीं लिया होना चाहिए। इस योजना का उद्देश्य समुदाय के सबसे वंचित वर्गों को स्थायी आवास प्रदान कर उनके जीवन स्तर में सुधार करना है। पात्र परिवार आवेदन कर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। योजना को लेकर अधिक जानकारी के लिए समाज कल्याण कार्यालय (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग) पर संपर्क किया जा सकता है।