झुंझुनूं। नगर निकाय एवं पंचायती राज संस्थाओं में मनमाने तरीके से किए जा रहे परिसीमन के विरोध में बुधवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। कांग्रेस जिला अध्यक्ष दिनेश सूंडा के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्ट्रेट के बाहर नारेबाजी करते हुए धरना दिया और राज्य सरकार के खिलाफ रोष जताया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें भाजपा सरकार द्वारा की जा रही राजनीतिक द्वेषता से प्रेरित कार्यप्रणाली की आलोचना की गई।कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार कानून और लोकतांत्रिक मूल्यों की अवहेलना करते हुए नगर निकाय और पंचायत चुनाव नहीं करवा रही है, और पुनः परिसीमन कर लोगों को परेशान कर रही है।
प्रदर्शन के दौरान सभी कलेक्टर से मिलकर अपनी बात रखना चाहते थे, लेकिन प्रशासन की ओर से केवल 10 प्रतिनिधियों को मिलने की अनुमति दी गई, जिससे नाराज होकर सभी कार्यकर्ता जिला कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठ गए। करीब 20 मिनट तक नारेबाजी और प्रदर्शन के बाद प्रशासन की समझाइश के बाद मामला शांत हुआ। कांग्रेस जिला अध्यक्ष दिनेश सूंडा ने कहा कि सरकार संविधान की धज्जियां उड़ा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि 2020 में परिसीमन हो चुका था, फिर भी पुनः बगैर जनसहमति के नया परिसीमन करना न केवल गलत नहीं, बल्कि जनभावनाओं का अपमान है। उन्होंने बताया कि अकेले नगर पालिका क्षेत्र में 215 आपत्तियां आई हैं, जबकि ग्रामीण इलाकों में भारी असंतोष है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने राजनीतिक फायदे के लिए कांग्रेस समर्थित क्षेत्रों का पुनर्गठन किया है और ग्रामीण क्षेत्रों को जबरन शहरी क्षेत्र में शामिल किया जा रहा है। स्थानीय लोगों से न राय ली गई, न बैठक की गई। यह सब कुछ एकतरफा और मनमाने ढंग से किया जा रहा है। दिनेश सुंडा ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द ही जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए परिसीमन प्रक्रिया में पारदर्शिता और जनसुनवाई नहीं की, तो कांग्रेस पार्टी गांव-ढाणियों से लेकर जिला मुख्यालय तक बड़ा जन आंदोलन छेड़ेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी जनता के साथ खड़ी है और इस तानाशाही रवैये का पुरजोर विरोध करेगी।