उपभोक्ताओं के बिजली बिल कम करने मे मददगार जो बने
राज जरूर बदला है रिवाज वो का वोही चल रहा है
शिवगंज(जेसाराम माली);-सिरोही, गांव तो गांव जिला मुख्यालय जहां आला अधिकारी बैठकर जिले के विकास का खाका तैयार करते हैं समस्या समाधान का वादा करते हैं
उस जिला मुख्यालय सिरोही में ही बिजली गुल होने का रिकोर्ड बनता जा रहा है ऐसा नहीं है कि बिजली गुल का यह खेल कुछ महीने से ही चल रहा है बल्कि पिछले चार पांच सालों से बिजली गुल होने का सिलसिला बरकरार है श्री संयम लोढ़ा के विधायकी काल से लेकर वर्तमान के श्री ओटाराम देवासी विधायकी काल में बिजली गुल का सिलसिला जारी है और सिरोही जिला मुख्यालय समेत गांवों में बिजली गुल होने का रिकोर्ड बनता जा रहा है बिजली महकमे में श्री लोढ़ा के कार्यकाल में जो अधिकारी थे वहीं अधिकारी श्री देवासी के कार्यकाल में यथावत जमें हुए हैं इन बिजली विभाग के अधिकारियों को तो राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाना चाहिए कारण इन्होंने बार बार बिजली गुल कर बिजली उपभोक्ताओं के बिजली बिलों की भारीभरकम राशि को बिजली गुल कर बचाया है तो इन्हें सम्मानित होने का तो हक़ मिलना चाहिए
मुझे लगता है इन बिजली विभाग के अधिकारियों के बार बार बिजली गुल के रिकोर्ड से इनकी डिमांड अन्य जिलों में भी होने लगी होगी तो इन बिजली गुल का रिकॉर्ड बनाने वाले साहबों को भरतपुर सवाई माधोपुर धोलपुर इत्यादि जगहों पर भी ससम्मान पोस्टिंग मिलनी चाहिए मेरा मानना है कि कुछ की तो चल अचल संपत्ति की जांच भी होनी चाहिए और क्या कोई जमीनों के कारोबार भी करते हैं क्या!