जयपुर। कम समय में और पारदर्शिता के साथ सरकार और जनता का काम हो इस उदेश्य से भजनलाल सरकार ने शुरू की ई-फाइल सिस्टम का नगर निगम ग्रेटर के अधिकारियों ने कचरा कर दिया। हालात ये है कि जो फाइल एक दिन यानी 24 घंटे के अंदर निकलनी चाहिए उसे यहां अधिकारी 7 दिन में भी नहीं निकाल रहे। निगम की कई शाखाएं या कहे जोन ऐसे है जहां ई-फाइल का डिस्पोजल टाइम (क्लीयर करने का औसत समय) 190 घंटे से भी ज्यादा का आ रहा है। प्लानिंग शाखा में तो एक बाबू ऐसे है, जो एक फाइल को निकालने के लिए 700 घंटे से भी ज्यादा का समय ले रहे है। ये तब है जब फाइल ऑनलाइन आपके सिस्टम पर दिख रही है। इसे देखते हुए कमिश्नर रूकमणी रियाड ने 15 अधिकारी-कर्मचारियों को नोटिस जारी किया है।
नगर निगम ग्रेटर में हाल ही में हुई एक रिव्यू बैठक में ये बात सामने आई। आमजन के काम को डिले यानी देरी से करने में सबसे आगे प्लानिंग जोन फर्स्ट के अधिकारी-कर्मचारी है। जहां आमजन को उनके आवासों या जमीन के पट्टे जारी करने से लेकर, उनके नाम ट्रांसफर समेत अन्य जरूरी काम किए जाते है।
एक सप्ताह से ज्यादा समय लग रहा है एक फाइल पर
नगर निगम मुख्यालय स्थित प्लानिंग फर्स्ट सेंक्शन के अधिकारियों-कर्मचारियों को हर एक फाइल क्लीयर करने में एक सप्ताह या उससे भी ज्यादा दिनों का समय लग रहा है। यहां फाइलों के डिस्पोजल का एवरेज टाइम सबसे ज्यादा 190.33 घंटे का आ रहा है।
एडिशनल कमिश्नर का काम सबसे तेज, 22 मिनट में एक फाइल का डिस्पोजल
एडिशनल कमिश्नर और उनके स्टाफ के यहां फाइल डिस्पोजल का समय सबसे कम है। यहां हर फाइल औसतन 22 मिनट में क्लीयर हो रही है। वहीं कमिश्नर के यहां औसत डिस्पोजल टाइम साढ़े 4 घंटे, डिप्टी कमिश्नर मुख्यालय का औसत टाइम पौने 5 घंटे, जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन सेंक्शन का 1 घंटे और अधिशाषी अभियंता प्रोजेक्ट फर्स्ट के यहां डिस्पोजल टाइम 1.30 घंटे का आ रहा है।
हरेन्द्र चिराणा फाइल क्लीयर करने में सबसे फिसड्डी
पशु प्रबंधन शाखा में पशु चिकित्सा अधिकारी के तौर नियुक्त हरेन्द्र सिंह चिराणा फाइल डिस्पोजल में सबसे फिसड्डी है। चिराणा के सेक्शन में आने वाली हर फाइल को क्लीयर करने में 73 घंटे से ज्यादा का समय लग रहा है।
इसी तरह विजीलेंस में नियुक्त अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अजय कुमार शर्मा इस मामले में दूसरे नंबर पर है, जिनके यहां फाइल डिस्पोजल 21 घंटे से ज्यादा समय में हो रहा है।
जनार्दन शर्मा और संतलाल मक्कड़ 15 मिनट में निकाल रहे है एक फाइल
इधर सबसे कम समय में फाइल निकालने वाले अधिकारियों की सूची में पहले नंबर पर उपायुक्त हैडक्वार्टर जनार्दन शर्मा और एनयूएलएम उपायुक्त संतलाल मक्कड़ है। जिनके यहां औसत डिस्पोजल टाइम 15 मिनट का आ रहा है।
727 घंटे में निकाल रहा है जूनियर असिस्टेंट एक फाइल
प्लानिंग शाखा में एक जूनियर असिस्टेंट जितेन्द्र कुमार माथुर ऐसा है, जिसके यहां से एक फाइल 727 घंटे से भी ज्यादा समय में निकल रही है। इसी कर्मचारी के कारण पूरे सेक्शन का डिस्पोजल टाइम बिगड़ रहा है। वहीं दूसरे नंबर पशु प्रबंधन विभाग में काम करने वाला जूनियर असिस्टेंट प्रवीण माथुर का है, जों अपने यहां आने वाली फाइल को 397 घंटे से ज्यादा समय में निकाल रहा है।