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October 15, 2025 10:02 am


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मावली में मदरसे को आवंटित जमीन सरकार ने की निरस्त

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

उदयपुर। जिले के मावली में कांग्रेस सरकार के समय मदरसे को आवंटित जमीन राज्य सरकार ने निरस्त कर दी है। उदयपुर कलेक्टर की और से जयपुर राज्य सरकार को भेजी अनुशंसा पर सरकार ने जमीन आवंटन निरस्त कर दिया है। इस संबंध में मावली के एसडीएम का कहना है कि जमीन जयपुर से सरकार ने निरस्त कर दी है।

इसके साथ ही मावली में आंदोलन करने वाले संगठनों ने सरकार के निर्णय का स्वागत किया है। बता दें कि इस मामले में पूर्व भाजपा प्रदेशअ अध्यक्ष एवं चित्तौड़गढ़ सांसद ने मावली में आंदोलन के दिन साफ कहा था कि इस जमीन का आवंटन निरस्त करेंगे।

मदरसे को आवंटित जमीन को निरस्त करने की मांग को लेकर सर्व समाज ने धरना-प्रदर्शन किया। सोमवार को पुराने बस स्टैंड पर जुटे 6 गांवों के हजारों लोगों ने राम धुनी और हनुमान चालीसा का पाठ किया। 1 किमी लंबी रैली निकाली। इस दौरान बाजार और स्कूल बंद रहे। प्रदर्शन में भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और सांसद सीपी जोशी भी शामिल हुए।

कलेक्टर ने सरकार को भेजा था पत्र  

मावली एसडीएम की रिपोर्ट के आधार पर उदयपुर जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने राज्य सरकार से जमीन निरस्त करने के लिए अग्रिम कार्रवाई के लिए पत्र भेज दिया है। कलेक्टर ने राजस्व विभाग के ग्रुप-3 के संयुक्त शासन सचिव को भेजे पत्र में आवंटन निरस्त करने को कहा था।

विरोध के तहत बंद रहा मावली विधानसभा क्षेत्र उल्लेखनीय है कि तत्कालीन गहलोत सरकार के कार्यकाल में मावली के गायत्री नगर के पास 4 बीघा 16 बिस्वा जमीन मदरसा को आवंटित की गई थी। इसको लेकर सर्व समाज के लोगों ने आपत्ति जताते हुए इस जमीन आवंटन को निरस्त करने की मांग करते हुए 23 सितंबर को मावली बंद का आहृान किया था। इसके तहत वहां हजारों लोग जुटे थे और रैली निकालकर ज्ञापन दिया। इस दौरान मावली, फतहनगर, घासा, डबोक, खेमली, ईंटाली सहित आसपास के गांव में बाजार बंद रहे थे।

जमीन को लेकर यह थी आपत्ति

आवंटित इस जमीन को लेकर सर्व समाज के लोगों ने आपत्ति जताते हुए आवंटन को निरस्त करने की मांग की है। इसके लिए अब्दुल रहमान प्रकरण का हवाला दिया गया है। साथ ही कहा- आवंटित जमीन के आसपास हिंदू मंदिर और श्मशान भी है, ऐसे में इस जमीन का आवंटन रद्द किया जाना चाहिए।

Author: JITESH PRAJAPAT

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