चित्तौड़गढ़। कई आईएएस अफसर एक मिसाल की तरह होते हैं। उनकी कार्यशैली से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। वे न केवल अन्य अधिकारियों बल्कि यूपीएसएसी की तैयारी कर रहे बच्चों के भी प्रेरणास्रोत होते हैं। ऐसे ही एक प्रेरणादायी अफसर हैं चित्तौड़गढ़ जिले के कलेक्टर आलोक रंजन। वे आए दिन अपने जिले के स्कूलों में औचक निरीक्षण के लिए पहुंचते हैं और वहां बच्चों और टीचर्स से रूबरू होते हैं। गुरुवार को रात्रि चौपाल में जाते समय वे अचानक डूंगला के अंबेडकर हॉस्टल पहुंचे। जहां उन्होंने बच्चों को पढ़ते देखा तो उनके पास बैठकर साइंस और मैथ पढ़ाने लगे।
दरअसल, जिला कलक्टर आलोक रंजन गुरुवार को डूंगला पंचायत समिति के नोगामा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर रात्री चौपाल करने गए थे। इसी दौरान रास्ते में उन्होंने पहले डूंगला थाने और बाद में अंबेडकर छात्रावास का निरीक्षण किया। अचानक जिला कलेक्टर के पहुंचते ही हॉस्टल स्टॉफ चौंक गए। वे सीधे बच्चों के रूम में पहुंचे, जहां बच्चे पहले से पढ़ाई कर रहे थे। उन्होंने 5वीं तक के बच्चों से टेबल पूछा। बच्चे इंग्लिश में टेबल सुनाने लगे। जिसे देख जिला कलेक्टर रंजन खुश हुए और बच्चों से सवाल पूछे। वहीं, बड़ी क्लास के बच्चों से उन्होंने साइंस के सवाल पूछे।
बच्चों को पढ़ाया साइंस
हॉस्टल में लगभग 20 से 30 बच्चे मौजूद थे और सभी इंग्लिश मीडियम में पढ़ने वाले बच्चे है। कुछ सवालों पर जब बच्चे अटक गए तो जिला कलेक्टर आलोक रंजन बच्चों के पास बैठकर उन्हें पढ़ाने लगे। सभी टॉपिक को समझाया। उन्होंने साइंस में बच्चों को लाइट एंड वोल्टेज के बारे में समझाया। इधर, उन्होंने बच्चों को मैथ भी पढ़ाकर सवाल सॉल्व किए। कलेक्टर हॉस्टल में साफ सफाई देखकर खुश हुए। उन्होंने बच्चों के लिए व्यवस्थाओं को देखकर खुशी जताई। बच्चों से बातचीत कर उनकी समस्याएं जानी। उन्होंने बच्चों को मोटिवेट किया। बता दे कि इससे पहले भी कई स्कूलों में निरीक्षण के दौरान जिला कलेक्टर ने बच्चों को पढ़ाया है। जिला कलेक्टर का बच्चों के प्रति प्यार साफ देखा जा सकता है।