जयपुर। प्रदेश में कार्यरत यू.टी.बी. कार्मिकों ने भजनलाल नेतृत्व की बीजेपी सरकार और प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सेवा अभिवृद्धि बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदेशभर से यू.टी.बी. पर कार्यरत कर्मचारी जयपुर में जुटे और सरकार से एक्सटेंशन बढ़ाने की मांग की।
राजस्थान यू.टी.बी. कार्मिक एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष गिरीश शर्मा ने बताया कि यू.टी.बी. पर कार्यरत 6 से 7 हजार कार्मिक (चिकित्सा अधिकारी/जीएनएम/फार्मासिस्ट/एएनएम/लैब टेक्नीशियन/लैब सहायक/रेडियोग्राफर) को रोजगार का संकट हो गया है। हम लोग कोविड-19 वैश्विक महामारी से और उससे पूर्व समय से निर्धारित स्वीकृत दरों पर सरकार के निर्देशानुसार सेवाएं देते आ रहे है। लेकीन समस्त यू.टी.बी कार्मिकों की सेवाएं 30 सितंबर को समाप्त हो कर दी गई है। इससे पहले हमें समय-समय पर एक्सटेंशन दिया जाता रहा है। जिसे सरकार हस्तक्षेप कर सेवाएं निरंतर जारी रखते हुए 31 मार्च 2025 तक बढ़ाएं।
उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान में ब्यूरोक्रेट्स हावी है, हर जिले में सीएमएचओ हमें साइन नहीं करने देते। आज हम रास्ते पर है, सराकार से हम एक्सटेंशन की मांग करते है नहीं तो हम अपने हक के लिए सड़कों पर उतरेंगे। उन्होंने बताया कि राजस्थान में मौसमी बीमारियों का प्रकोप है और हजारों की संख्या में पद रिक्त पड़े है जिन पर यू.टी.बी. कार्मिक ग्रामीण स्तर तक सेवाएं दे रहे है। इसलिए स्थाई कर्मचारी आने पर UTB कर्मचारियों को हटाने की बजाय जिले में रिक्त स्थानों पर UTB कर्मचारियों को लगाया जाए। उन्होंने बताया कि समय-समय पर सरकार ने यूटीबी कार्मिको के कार्य की हमेशा प्रशंसा की गई हैं।
यू.टी.बी कर्मचारी मनीष शर्मा ने कहा- पूर्ववर्ती सरकार ने सीएसआर 2022 के तहत जो प्रावधान किया गया था, उसी तरीके से यू.टी.बी कार्मिकों को भी सीएसआर में शामिल करके नियमित किया जाए। उन्होंने अलग-अलग राज्यों की तुलना करते हुए बताया कि राजस्थान में यू.टी.बी कर्मचारियों को पर्याप्त वेतन भी नहीं मिलता है।