शिवगंज अंबे माता मंदिर मे 9 दिन डांडिया रास कार्यक्रम जमकर हो रहे है डांडिया रास नवरात्रि मे रोज़ाना हो रहे है डांडिया रास कार्यक्रम सैकडों लोगो का दर्शन व डांडिया रास का प्रोग्राम करते है बहनों के लिए वयवस्था अलग है डांडिया रास करने का यह शहर का सबसे पुराना मंदिर अंबे माताजी मंदिर के मंत्री धनराज गहलोत ने शिवगंज मे आने वाली जनता के लिए स्वागत द्वारा प्रसादी की व्यवस्था की गई है मंदिर में दर्शन के लिए अलग लाइन बाहर जाने वालों की अलग अलग लाईन और डांडिया रास कार्यक्रम करने वालों के लिए व्यवस्था की गई माता बहनों के लिए अलग ही डांडिया रास कार्यक्रम व्यवस्था की जिससे शिवगंज में अशांति न हो सके क्योंकि छोटा मंदिर होने के लिए से वह शहर की बड़ी संख्या में आने वाले लोगों के सभी के दर्शन की व्यवस्था और डांडिया रास कार्यक्रम वह डांडिया रास कार्यक्रम के लिए व्यवस्था करनी पड़ती है इंद्रमल सोनी महेंद्र राठौर पाताल भाई जैन गणेश भाटी नरेंद्र जैन मंदिर के पुजारी दिनेश कुमार व नितेश कुमार अपनी व्यवस्था के लिए तैयार रहते हैं आने वाले दर्शन के लिए कोई समस्या पैदा ना हो उनके लिए हमेशा तैयार रहते हैं कि बिना दर्शन कोई नही जा सके शहर के वार्ड संख्या 25 का ऐतिहासिक मंदिर शहर का सबसे बड़ा मंदिर है वह हजारों लोग नवरात्रि में डांडिया रास कार्यक्रम दर्शन के लिए आते-जाते रहते हैं अब 9 दिन के कार्यक्रम चलेगा हजारों की संख्या माताएं बहने वह बच्चे व बडे बुजुर्गो पुरूषों की बडी संखया मे भाग लेगे
मंञीजी को ध्यान देना चाहिए
ईस मंदिर के बगीचे की जमीन जो शिवगंज खसरा संख्या 108,109, कुल रकबा एक बिधा चौलाह बिस्वा भूमि व पालिका के चार केबिन की जमीन अंबे माताजी के लिए आरक्षित रखी हुई है यह जमीन की चार दिवारी बनाई हुई है फिर भी मंदिर सदस्य बिलकुल ध्यान नहीं दे रहे हैं क्यू की अंबे माताजी की यह बगीचे की भूमि जिसने भी बेची है वह खरीदी है अंबे माताजी किसी को नही छोडती है जो करेगा वह भुगतेंगे इसलिए मंञीजी को अब अधिकारीयों को पाबंद करके यह जमीन मंदिर को देनी चाहिए जिससे ईस जमीन के अंदर डांडिया रास कार्यक्रम किया जा सकता है जिससे माताजी के डांडिया रास कार्यक्रम ऐतिहासिक होगे पुरा शिवगंज शहर व आसपास गांवो से हजारो की संख्या में नागरिकों की भीड़ उपस्थित रहते है अगले डांडिया रास कार्यक्रम ईस जमीन के अंदर हो मंञीजी से विशेष अनुरोध है क्यू की यह जमीन आज भी अंबे माताजी की बगीची की भूमि आरक्षित है।
Author: AKSHAY OJHA
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