सवाई माधोपुर। जिले के चौथ का बरवाड़ा क्षेत्र में दीपावली के दिन त्रेता युग से चली आ रही श्राद्ध करने एवं छठ भरने की परंपरा आज भी कायम है। दीपावली के दिन गुर्जर एवं अन्य समाजों के लोग तालाब पर जाकर सामूहिक रूप से अपने पितरों का तर्पण करते हैं। साथ ही विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। मान्यता के अनुसार यह कार्य भगवान राम के वनवास पूरा कर अयोध्या लौटने के बाद दीपावली के दिन अपने पिता दशरथ के तर्पण से चला आ रहा है। जिसके तहत देश के नहीं विदेश के भी गुर्जर समाज के लोग इसी दिन अपने पितरों का तर्पण करते हैं।
रायसागर तालाब पर करते है पितरों का तर्पण
चौथ का बरवाड़ा में हर साल दीपावली के दिन रायसागर तालाब पर गुर्जर एवं अन्य समाजों के लोग सामूहिक रूप से इकट्ठा होते हैं और तालाब में पितरों का तर्पण करते हैं। इसी के चलते गुरुवार को भी यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान गुर्जर समाज के लोग अपने घरों से प्रसादी एवं अन्य पूजन सामग्री लेकर रायसागर तालाब पर पहुंचे।
सामूहिक पूजा कर किया पाठ
यहां सभी ने सामूहिक रूप से पूजा अर्चना की तथा अपने पितरों का तर्पण कर उनकी आत्मा की शांति के लिए पाठ किया। इस दौरान कंजर, बैरवा तथा अन्य समाज के लोग भी इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित करने पहुंचे। जिसके चलते तालाब पर रौनक भी देखने को मिली।
नई पीढ़ी जुड़ने पर बांटते हैं मिठाई
इस दौरान यदि कोई बालक ऐसे कार्यक्रम से जुड़ता है तो उसे नई पीढ़ी का जुड़ना कहते हैं। जिस पर समाज के लोग सामूहिक रूप से सभी में मिठाई का वितरण करते हैं। इस साल 5 साल का देवेंद्र गुर्जर पुत्र प्रधान गुर्जर निवासी चौथ का बरवाड़ा पहली बार इस तरह के कार्यक्रम पर पहुंचा। जिस पर समाज के लोगों ने मिठाइयां बांटी।