दौसा। जिले में जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे पर रविवार दोपहर उस समय हाई-वोल्टेज ड्रामा हुआ, जब एक ट्रक ड्राइवर और परिवहन विभाग के कर्मचारियों के बीच हाथापाई हुई। इसे देखने के लिए लोगों की भीड जुट गई, जिसके बाद आरटीओ कर्मी ट्रक ड्राइवर को पकड़कर कोतवाली थाने ले गए और माफीनामे के बाद समझाइश कर छोड दिया गया। इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें आरटीओ कर्मी ट्रक ड्राइवर को ले जाते दिख रहे हैं। वहीं मामले को लेकर आरटीओ इंस्पेक्टर ने हाथापाई से इनकार किया है, साथ ही ड्राइवर के नशे में होने की बात कही है। दरअसल, आरटीओ दस्ते के द्वारा महिला बाल विकास विभाग उपनिदेशक आफिस के सामने भारी वाहनों को रूकवाकर जांच की जा रही थी। इस दौरान कर्मचारियों ने एक ट्रक को रूकवाकर ड्राइवर से दस्तावेज मांगे तो उसने मना कर दिया। बाद में इंस्पेक्टर द्वारा ऑनलाइन जांच करने पर ट्रक का पहले से ही चालान कटा होने व पेमेंट बकाया होने का पता चला। इससे ड्राइवर ने गुस्से आकर ट्रक को कुछ देर के लिए हाईवे पर तिरछा खड़ा कर दिया। इससे ट्रेफिक जाम हो गया और वाहन चालकों की भीड़ लग गई। इस दौरान वहां मौजूद परिवहन विभाग के दस्ते ने ट्रक को साइड लगवाकर ड्राइवर को पकड़ा तो वह अभद्रता करने लगा। वीडियो में दिख रहा है कि आरटीओ के कर्मचारी ट्रक ड्राइवर को पकड़कर ले जा रहे हैं, जबकि ड्राइवर उनके साथ जाने से इनकार कर रहा है। ड्राइवर को आरटीओ के दो कर्मचारी पकड़कर कार से ले जाते हैं। यह मामला कलेक्ट्रेट के आसपास चर्चा का विषय बना रहा।
ड्राइवर बोला- किसी की हिम्मत नहीं, चालान भर दे
मामले को लेकर आरटीओ इंस्पेक्टर मुक्ता सोनी का कहना है कि ऑनलाइन जांच करने पर ट्रक का पहले से ही चालान होने का पता चलते ही ड्राइवर गुस्सा हो गया। वह नशे में था और कहने लगा कि लॉरेंस भाई की गाडी का चालान भरने की हिम्मत किसी की नहीं है। ऐसे में उसे पकड़कर थाने ले जाने लगे तो वह कर्मचारियों से अभद्रता करने लगा। आरटीओ टीम ड्राइवर को कोतवाली थाने ले गई, लेकिन बाद में बिना कार्रवाई के छोड़ दिया गया। वहीं कोतवाली थाना इंचार्ज हीरालाल सैनी का कहना है कि आरटीओ इंस्पेक्टर टीम के साथ किसी मामले को लेकर थाने आई थी, जिन्होंने बाइक टकराने के मामले के बारे में बताया था। अन्य किसी मामले की मुझे जानकारी नहीं है।