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November 22, 2024 6:03 pm


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नगरीय निकायों में आई जमीन का फ्री होल्ड पट्‌टा मिलेगा : पट्‌टे की कीमत तय, पहले 2.50 लाख रुपए तक थी; अफसरों के अधिकारों में कटौती

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

जयपुर। नगरीय निकायों में आई अकृषि जमीनों (आबादी क्षेत्र में आई कृषि की जमीन जो भू-उपयोग परिवर्तन की गई) का फ्री होल्ड पट्‌टा देने को लेकर कीमत तय कर दी है। अब जमीन के खातेदार या मालिक पट्टा 200 रुपए प्रति वर्ग मीटर का शुल्क देकर पट्‌टा ले सकेंगे। ये शुल्क उन जमीनों के लिए निर्धारित किया है, जिनका भू-उपयोग परिवर्तन (कृषि से अकृषि) कलेक्टर, एडीएम, एसडीएम के स्तर पर पहले हो चुका है, लेकिन उनका पट्‌टा अब तक जमीन मालिक या खातेदार के पास नहीं है। स्वायत्त शासन विभाग ने प्रदेश के नगर पालिका, नगर परिषद और नगर निगम क्षेत्रों में आने वाली इन जमीनों को लेकर आदेश जारी कर दिए। दरअसल, राजस्थान की कई छोटी-बड़ी नगरीय निकाय ऐसी हैं, जिनके क्षेत्र में आ रही जमीनों के पट्‌टे नहीं है। ये जमीन पहले ग्रामीण एरिया में थी। तब इनके खातेदार या मालिक इन जमीनों का भू-उपयोग परिवर्तन (कृषि से अकृषि) कलेक्टर, एडीएम, एसडीएम के स्तर पर करवा चुके हैं। इन जमीनों का अब तक पट्‌टा (लीज डीड) नहीं है। आबादी एरिया (शहरी क्षेत्र) में जमीन आने के बाद पट्‌टा संबंधित निकाय जारी करती है।

2.50 लाख रुपए था अधिकतम शुल्क

इस तरह की जमीनों का पट्‌टा लेने के लिए पहले शुल्क तय नहीं था। 10 से 2.50 लाख रुपए तक का शुल्क लेकर निकाय इन जमीनों के पट्‌टे जारी कर देती थी। प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान भी इस तरह की जमीनों का पट्‌टा अलग-अलग रेट से दिया किया गया था। अब सरकार ने सभी जगह के लिए 200 रुपए प्रति वर्ग मीटर का शुल्क निर्धारित कर दिया है। जमीन को निकायों के प्रति सरेंडर करने के बाद जमीन का मालिक ये शुल्क जमा करवाकर पट्‌टा ले सकेगा। सरकार ने इस आदेश में निकायों के अधिकारियों (निकायों में नियुक्त अधिशाषी अधिकारी) के अधिकारों में भी कटौती की है। पहले इस तरह की 500 वर्गमीटर तक की जमीन का पट्टा अधिकारी अपने स्तर पर जारी कर सकता था। वहीं, 501 से लेकर 5 हजार वर्गमीटर तक की जमीन का पट्टा देने का निर्णय संबंधित निकाय के बोर्ड के स्तर पर जारी किया जाता था। 5 हजार वर्गमीटर से ज्यादा जमीन का पट्टा जारी करने के लिए सरकार के पास फाइल भेजी जाती थी। अब सरकार ने इन अधिकारों में कटौती करते हुए अधिकारी के स्तर तक 300 वर्गमीटर, बोर्ड के स्तर पर 301 से 1500 वर्गमीटर तक के ही पट्‌टे जारी करने के आदेश दिए हैं। 1500 वर्गमीटर से ज्यादा जमीन के पट्‌टों के लिए फाइल अब सरकार को भिजवानी पड़ेगी।

Author: JITESH PRAJAPAT

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