बाड़मेर। जिले में सरकारी स्कूल के टीचर पर छात्राओं से छेड़छाड़ और अवैध संबंध के लिए दबाव बनाने का आरोप लगा है। टीचर की हरकतों से परेशान स्टूडेंट्स ने स्कूल जाना भी बंद कर दिया है। आरोपी छात्राओं से फोन पर भी अश्लील बातें करता था। इसका एक ऑडियो भी पुलिस को मिला है। कलेक्टर के निर्देश पर पुलिस ने सोमवार रात आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है। मामला जिले के नागाणा थाना क्षेत्र का है।
जबरन स्कूल में ही रोक लेता था आरोपी
ग्रामीणों का आरोप है कि ढाई साल से टीचर छात्राओं को बोर्ड परीक्षाओं के लिए पूरे नंबर देने, खेल और स्काउट सर्टिफिकेट देने का झांसा देकर अनैतिक काम कर रहा था। उनसे जबरन फोन पर बात करता और फिर स्कूल में ही रोक कर उनके साथ गलत हरकतें करता था। एक छात्रा से बातचीत का ऑडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें टीचर एक छात्रा पर अवैध संबंध बनाने का दबाव बना रहा है। सोमवार शाम को ग्रामीणों ने बाड़मेर कलेक्टर को इस संबंध में ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की थी।
स्कूल बंद करने और प्रदर्शन की चेतावनी
आरोपी टीचर ने दिवाली की छुट्टियों में भी एक छात्रा को वीडियो कॉल करके उसके साथ अवैध संबंध बनाने के लिए दबाव बनाने का प्रयास किया। जिसका ऑडियो भी सामने आया है। अब डर के कारण छात्राएं स्कूल नहीं जा रही हैं। ग्रामीणों का कहना है इस शिक्षक से तंग आकर करीब 8-10 बालिकाएं तो स्कूल आना पहले ही छोड़ चुकी हैं। ग्रामीणों ने 8 नवंबर को स्कूल पर ताला जड़ने के साथ ही धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
सामाजिक स्तर किया था दंडित
ग्रामीणों के अनुसार आरोपी शिक्षक ने बीते करीब तीन साल में 10-15 लड़कियों को फंसाया और उनके साथ गलत हरकतें कीं। पहले भी आरोपी पर 2 बार छात्राओं के साथ गलत हरकतें करने का आरोप लगा था। इस पर ग्रामीणों ने सामाजिक स्तर पर ही उसे दंडित किया और समझाया था। नागाणा थानाधिकारी जमील खान ने बताया कि आरोपी शिक्षक को सोमवार रात को गिरफ्तार किया है। मामले की जांच की जा रही है। हालांकि, पीड़ित परिवारों की ओर से अब तक कोई मामला दर्ज नहीं कराया गया है।
बच्चे विरोध नहीं कर पाते, इसलिए टारेगट
वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. अनिता गौतम का कहना है कि छोटी बच्चियों के साथ दरिंदगी करने वालाें की मानसिकता विकृत होती है। ज्यादातर केस में देखा गया है कि आरोपियों ने वारदात को अंजाम देने से पहले शराब पी रखी होती है या पॉर्न देख रहे होते हैं। ऐसे में इन्हें सबसे कमजोर विक्टिम बच्चे ही नजर आते हैं। क्योंकि बच्चे विरोध नहीं कर पाते और इनकी पहचान भी नहीं हो पाती है। अधिकांश मामलों में अपराधी जान-पहचान के ही व्यक्ति होते हैं। ऐसे में कई बार अपराधी खुद की पहचान छुपाने के लिए बच्चों की हत्या तक कर देते हैं। अभिभावकों की जिम्मेदारी बनती है कि वे बच्चे को अकेले नहीं भेजे। बच्चा अगर किसी ड्राइवर या परिचित के पास जाने से मना करे तो उससे प्यार से इसका कारण जानने की कोशिश जरूर करें।