Explore

Search
Close this search box.

Search

November 22, 2024 12:36 pm


लेटेस्ट न्यूज़

संभागीय आयुक्त जयपुर ने तीसरी बार लिखा पत्र, 14 पत्रावलियों के मामले में उलझा जिला परिषद अलवर, नहीं भेज रहा रिपोर्ट

Picture of Pankaj Garg

Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

जिला परिषद अलवर से 14 महत्वपूर्ण पत्रावलिया गायब होने के फर्जी मामले में तीसरी बार संभागीय जयपुर ने जिला परिषद अलवर को पत्र लिखकर रिपोर्ट मांगी लेकिन अभी तक यह रिपोर्ट संभागीय आयुक्त जयपुर कार्यालय को नहीं मिली है । जयपुर के अधिकारी ने बताया कि तीसरी बार पत्र भेजा है। उत्तर नहीं आने पर नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी । उल्लेखनीय है कि 30 नवंबर 2022 को जिला परिषद अलवर की साधारण सभा में 14 महत्वपूर्ण पत्रावलियां गायब होने की बात उठाकर मुकदमा दर्ज करने का निर्णय लिया गया था। यह मामला बाद में झूठा पाया गया।

क्या है मामला जिसकी रिपोर्ट मांगी
दरअसल 30 नवंबर 2022 को जिला परिषद की साधारण सभा में मामला उठाया गया की 14 महत्वपूर्ण पत्रावलियां जो कि जिला प्रमुख की तरफ से तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भिजवाई गई थी वह कार्यालय से गायब है और कार्यालय में नहीं मिल रही है। इस मामले को उठाते हुए मुकदमा दर्ज करने का भी निर्णय लिया गया । इसका उल्लेख जिला परिषद की ओर से साधारण सभा की बैठक करवाई विवरण में भी कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी रही रेखा रानी व्यास द्वारा किया गया । राजनीतिक इशारे पर बाद में किसी अन्य मामले में सिविल सेवा अपील अधिकरण में एक लिपिक पर 14 पत्रावली गायब करने का संदेह कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी रेखा रानी व्यास ने जताया लेकिन जब एक आवेदक महेश यादव ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत 14 गायब पत्रावलियों की जानकारी मांगी तो खुलासा हुआ की ऐसी कोई पत्रावली नहीं थी जो जिला परिषद से गायब हुई हो , बल्कि जिला परिषद द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम में जो सूचना उपलब्ध कराई उससे साफ हुआ कि जो पत्रावली गायब होने की बात थी वह पत्रावली की श्रेणी में होकर कुछ पत्र थे जो जिला प्रमुख की ओर से मुख्य कार्यकारी अधिकारी को लिखे गए थे । साथ ही सिंगल पेज की कुछ नोटशीट थी जो केवल एक पैरा ही चली हुई थी । यह सभी सूचना भी जिला परिषद की ओर से आरटीआई में दे दी गई जिनको की गायब बताए जा रहा था। खुलासा हुआ कि एक आईएएस मुख्य कार्यकारी अधिकारी और डीआरडीए के लिपिक को फसाने के लिए सारा खेल रचा गया जिसको राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण के सामने पेश कर दिया गया । सबसे हैरानी की बात यह थी कि साधारण सभा में जिस मामले में मुकदमा दर्ज करने का निर्णय लिया गया उस मामले में मुकदमा भी दर्ज नहीं कराया गया । जब यह फर्जी तरीके से रचा गया प्रकरण संभागीय आयुक्त के पास पहुंचा तो संभागीय आयुक्त ने इस फर्जी मामले की रिपोर्ट मांगी लेकिन जिला परिषद अलवर ने इस मामले को भी पहले जैसे मामलों की तरह दबाते हुए इस पर पर्दा डालने की कोशिश की लेकिन अब एक आवेदक ने सूचना के अधिकार अधिनियम में संभागीय आयुक्त से ही इस पत्र पर कार्रवाई की जानकारी मांग ली तो जिला परिषद के सहायक विकास अधिकारी की ओर से अपने पास 6 महीने तक रोके गए इस पत्र पर रिपोर्ट मांगी गई । अब तीसरी बार पत्र भेज कर रिपोर्ट मांगी गई है। इस मामले की जांच के लिए जिला परिषद की ओर से 1 महीने पहले जांच कमेटी का गठन किया गया था जिसमें वाटरशेड के एक अधीक्षण अभियंता और एक सहायक अभियंता को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था लेकिन अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं मिली। आखिर संभागीय आयुक्त जैसे बड़े अधिकारी के पत्रों को भी जिला परिषद के अधीनस्थ अधिकारी गंभीरता से नहीं लेते हैं । अब देखना होगा कि बड़े अधिकारी इस मामले में क्या संज्ञान लेते हैं।

Author: AKSHAY OJHA

Leave a Comment

Ads
Live
Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर