सवाई माधोपुर। जिले के रणथंभौर फोर्ट में बुधवार शाम करीब 4:30 बजे बाघिन ऐरोहेड अपने तीन शावकों के साथ अचानक आ धमकी। एक टाइगर ने फोर्ट के नौलखा गेट के पास त्रिनेत्र गणेश मंदिर के दर्शन करने आए टूरिस्ट पर हमला कर दिया। उसके हाथ पर खरोंच आई। इससे वहां और आसपास मौजूद करीब 700 सैलानी घबरा गए। फोर्ट के रास्ते में एक साथ चार टाइगर के मूवमेंट से टूरिस्ट अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। करीब डेढ़ घंटे तक यहां बाघिन और उसके शावक चहलकदमी करते रहे, जिससे लोगों में दहशत बनी रही। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और स्थानीय लोगों की मदद से पर्यटकों को यहां से बाहर निकाला गया।
जान बचाने की प्रार्थना करने लगे लोग
जयपुर से रणथंभौर घूमने आए देवांश गोधा ने बताया कि मैं परिवार के साथ रणथंभौर घूमने आया था। शाम को हम रणथंभौर फोर्ट गए थे। हंसी-खुशी फोर्ट की सीढ़ियां चढ़ रहे थे। जब 32 खंभों की छतरी के नीचे स्थित शिवालय में दर्शन के लिए जाने लगे तो वहां मौजूद एक गाइड ने हमें रोक दिया। गाइड ने हमें बताया कि यहां पर टाइगर का मूवमेंट है। इसके बाद हम गणेश जी के दर्शन के लिए चले गए। गणेश जी के दर्शन कर जब हम लौट रहे थे तो वनकर्मियों ने हमें एहतियात के तौर पर दुर्ग की दीवार के सहारे रोक दिया। जहां पर करीब 100 लोग और मौजूद थे। एक बार तो हमें लगा कि टाइगर है, क्या करेगा, देख लेंगे। लेकिन, जैसे ही दीवार के पास पहुंचे तो वहां पर बाघिन और उसके शावक घूमते हुए दिखाई दिए। जिसे देखकर हम डर गए। यहां एक साथ चार टाइगर देखकर डर से लोगों के मुंह से चीखें निकलने लगीं। चारों तरफ बस डर का माहौल था। लोग गणेश जी से अपनी जान बचाने की प्रार्थना कर रहे थे। यहां मौजूद वन कर्मियों और गाइडों की सूझबूझ से सभी लोगों को रेस्क्यू किया गया।
टाइगर नजर आते ही मच गई भगदड़
जयपुर से आई प्रीति खवाड़ ने बताया कि मैं फर्स्ट टाइम रणथंभौर आई हूं। हम फोर्ट के भीतर पहुंचकर गणेश मंदिर जा रहे थे। तभी वहां पर गाइड बोल रहे थे कि यहां टाइगर है। इस दौरान हमने गणेश जी के दर्शन आराम से कर लिए थे। लौटते वक्त शाम करीब 4:30 बजे अचानक भगदड़ मच गई। यहां वन विभाग के लोगों ने हमको दीवार और रेलिंग पर चढ़ने को कहा गया। वहां ऊपर एक और नीचे तीन टाइगर थे। उस टाइम हमारे मन में टाइगर को देखने का ख्याल आया। हमें थ्रिलिंग और एक्साइटमेंट फील हाे रहा था। लेकिन, टाइगर नजर आते ही लोग जान बचाने के लिए भागने लगे। सभी लोग डर गए थे। फोर्ट से नीचे उतरते हुए यह ख्याल आया कि हम बच पाएंगे या नहीं। इस दौरान वनकर्मियों और गाइडों ने बहुत मदद की। वहां से सकुशल बचने के लिए गणेश महाराज को धन्यवाद दूंगी।
लोगों के चेहरों पर झलक रहा था खौफ
प्रीति खवाड़ के पति संजय खवाड़ बताते हैं कि मेरे पैर में चोट लगी है, जिसकी वजह से मैं नीचे ही रुक गया था और परिवार रणथंभौर फोर्ट में गया था। इसी दौरान मालूम चला कि रणथंभौर फोर्ट में 4 टाइगर आ गए हैं। सुनते ही एक बार बहुत डर लगा। क्योंकि मेरा पूरा परिवार ऊपर था, लेकिन वन विभाग के कर्मचारियों ने सभी लोगों को बहुत ही अच्छे तरीके से रेस्क्यू किया। इस दौरान ऊपर से नीचे आते वक्त लोगों के चेहरे पर खौफ साफ झलक रहा था।