राजसमंद। कलेक्टर बालमुकुंद असावा ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं को लागू करने के लिए मिशन मोड पर कार्य करते हुए पात्र लोगों को योजना से जोड़ने के निर्देश दिए। कलेक्ट्रेट के वीसी रूम में ब्लॉक स्तरीय वीडियो कांफ्रेस आयोजित कर अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर पात्र व्यक्ति को पेंशन योजनाओं से जोड़ा जाए, यदि एक भी पात्र व्यक्ति की पेंशन रुकी तो संबधित अधिकारी की जवाबदेही होगी। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं से वंचितों को जोड़ने, पेंडिंग वेरिफिकेशन को पूरा करने के लिए पिछले डेढ़ महीने से कार्य किया जा रहा है। आगामी 10 दिनों में यह कार्य शत प्रतिशत पूरा हो जाए और कोई भी पात्र वंचित न रहे। कलेक्टर ने शिक्षा विभाग के जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों से चर्चा करते हुए निर्देश दिए कि पालन हार के संबंध में पात्र बच्चों को फॉर्म ऑनलाइन करते समय यह देखें कि सभी उपयुक्त डॉक्युमेंट अटैच हो, जिससे किसी भी लापरवाही का खामियाजा बच्चे को न भुगतना पड़े। डॉक्युमेंट के अभाव में कई बार आवेदन निरस्त होते हैं जो ठीक नहीं है। निर्धन वर्ग के प्रति संवेदनशील रहते हुए हमें कार्य करना होगा। एक भी पात्र बच्चा वंचित नहीं रहना चाहिए। अगर किसी जरूरतमंद और पात्र व्यक्ति की पेंशन अधिकारी की लापरवाही से बिना वेरिफिकेशन के बंद हो गई तो जवाबदेही तय होगी। पालनहार योजना में इस तरह मिलता है लाभ पालनहार योजना के तहत अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि की व्यवस्था संस्थागत नहीं की जाकर समाज के भीतर ही बालक-बालिकाओं के निकटतम रिश्तेदार या परिचित व्यक्ति के परिवार में करने के लिए इच्छुक व्यक्ति को पालनहार बनाकर राज्य की ओर से पारिवारिक माहौल में शिक्षा, भोजन, वस्त्र एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता उप निदेशक जयप्रकाश चारण ने बताया कि योजना के तहत अनाथ बच्चे, न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड, आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता की संतान, निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता की अधिकतम 3 संताने, नाता जाने वाली माता की अधिकतम 3 संताने, पुनर्विवाहित विधवा माता की संतान, एड्स पीड़ित माता-पिता की संतान, कुष्ठ रोग से पीडित माता पिता की संतान, विकलांग माता-पिता की संतान, तलाकशुदा या परित्यक्ता महिला के बच्चे, सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की संतान पात्र हैं। अनाथ बच्चों की श्रेणी में 6 वर्ष तक के बच्चों को 1500 रुपए प्रतिमाह, 6 से 18 वर्ष तक के बच्चों को 2500 रुपए प्रतिमाह। ऐसे ही अन्य श्रेणी के बच्चों को 6 वर्ष तक 750 रुपए, 6 से 18 वर्ष तक के बच्चों को 1500 रुपए प्रतिमाह लाभ दिया जाता है। कलेक्टर की इस वीसी से एडीएम नरेश बुनकर, श्रम कल्याण अधिकारी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक, सभी एसडीओ, बीडीओ, नगर निकायों के अधिशासी अधिकारी, सीबीईओ जुड़े।