बीकानेर। राजा-महाराजाओं और नवाबों को लेकर राहुल गांधी के आर्टिकल की आलोचना की जा रही है। राजस्थान के पूर्व राजपरिवार के सदस्य तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इस कड़ी में बीकानेर पूर्व राजपरिवार सदस्य और इंटरनेशनल शूटर राज्यश्री कुमारी ने राहुल गांधी के बयान को आधारहीन और स्तब्ध करने वाला बताया है। राज्यश्री कुमारी ने कहा- हमारे महान पूर्वजों के खिलाफ दिए गए आधारहीन और दुर्भावनापूर्ण बयानों को पढ़कर स्तब्ध हूं। उन्होंने ईमानदारी और नि:स्वार्थ भाव से अपने राज्यों और नागरिकों की सेवा की। भारत के प्रति उनके बलिदान को बदनाम करना शर्मनाक है।
राहुल गांधी ने अंग्रेजी अखबार में क्या लिखा
हाल ही राहुल गांधी ने एक अंग्रेजी अखबार के लिए आर्टिकल लिखा था। इसमें उन्होंने लिखा- ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत की आवाज अपनी कारोबारी शक्ति से नहीं बल्कि शिकंजे से कुचली थी। कंपनी ने भारत के राजा महाराजाओं-नवाबों को डरा-धमकाकर, उन्हें घूस देकर राज किया था। कंपनी तो खत्म हो गई लेकिन उससे जो डर पैदा हुआ था वो डर फिर दिखने लगा है। हमने अपनी आजादी किसी दूसरे राष्ट्र से नहीं खोई बल्कि एकाधिकार वादी निगम से खोई है।
राजस्थान के इन पूर्व राजपरिवार सदस्यों और राजनीतिज्ञों ने जताया विरोध
दीया कुमारी, उप मुख्यमंत्री, राजस्थान सरकार
प्रदेश में उप मुख्यमंत्री व पूर्व राजपरिवार की सदस्य दीया कुमारी ने कहा- राहुल गांधी को ऐतिहासिक तथ्यों की जानकारी नहीं हैं। उनकी मानसिकता समाज को तोड़ने वाली है। मैं तो कहूंगी कि ब्रिटिश माइंडसेट तो राहुल गांधी का लगता है। जो जातियों और समाज को तोड़ना चाहते हैं।
राधा मोहन दास अग्रवाल, बीजेपी प्रदेश प्रभारी
बीजेपी के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल ने कहा-
इस देश की आजादी के समय देश में 565 रियासतें थी। इनके पास लाखों एकड़ जमीने थी। इन रियासतो ने अगर भारत में स्वेच्छा से अपना विलय नहीं किया होता तो भारत पूरी तरह से टूकड़ों में बंटा हुआ एक देश होता। इन राजाओं ने इतना त्याग बलिदान दिया। उन्हें ऐसी गालियां दी जा रही हैं। उस समय देश का सबसे बड़ा राष्ट्रवादी समाज कोई था तो वह राजूपत समाज, क्षत्रिय समाज था। राजस्थान में राहुल गांधी की टिप्पणी को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता हैं। राजपूत समाज का अपना नहीं सहेगा राजस्थान। कांग्रेस में भी कई राजपूताना परिवार के लोग है। उनके अंदर थोड़ी सी भी आत्मा हो तो उन्हें सामने आना चाहिए और कहना चाहिए कि हां हमारे नेता राहुल गांधी ने सही कहा है। हम अंग्रेजो के जड़ खरीद गुलाम थे। अंग्रेजों के दलाल थे, घुसपैठिया थे।
विश्वराज सिंह मेवाड़, नाथद्वारा विधायक
नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ ने विरोध में कहा-भारत सरकार द्वारा राज्यों पर श्वेत पत्र मार्च, 1950 में जारी किया था उसमें स्पष्ट रूप से वर्णित था कि “राजाओं के देश भक्तिपूर्ण सहयोग के बिना, भारत में लोगों और शासकों के पारस्परिक लाभ के लिए जो जबरदस्त परिवर्तन आया है, वह संभव नहीं होता। उन्होंने कल्पना, दूरदर्शिता और देशभक्ति का सबूत दिया है। वे स्वतंत्र और लोकतांत्रिक भारत के निर्माण में सह-वास्तुकार हैं। राहुल गांधी को भारत सरकार द्वारा मार्च, 1950 में जारी श्वेत पत्र जरूर देख लेना चाहिए। देश की आजादी से पहले और बाद में भी राज्यों (रजवाड़ों) की ओर से सरकार को जनहित में हर तरह से सहयोग प्रदान किया गया था, जिसे सभी भली-भांति जानते हैं।
गजेन्द्र सिंह शेखावत, केन्द्रीय पर्यटन मंत्री
गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा- कांग्रेस के युवराज की भारतीय इतिहास की समझ कितनी भ्रष्ट और सिलेक्टिव है, यह उनके आलेख से जाहिर होता है। यह हैरानी भरा है कि जो नेता भारत जोड़ो यात्रा के जरिए अपने को भारतीय जन-गण और मन के साथ ईमानदारी से खड़ा होने का दावा करता रहा है, वह अपने देश के स्वाधीनता संघर्ष और अखंड भारत के निर्माण के ऐतिहासिक तथ्यों के बारे में किस तरह अल्पज्ञान का शिकार है।