टोंक। राजस्थान के देवली-उनियारा (टोंक) में उपचुनाव की वोटिंग के दौरान SDM को थप्पड़ मारने को लेकर हुआ बवाल जारी है। दो दिन से हड़ताल कर रहे RAS एसोसिएशन के मेंबर्स ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात की। एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि मुलाकात सकारात्मक रही। हालांकि, हड़ताल खत्म करने का निर्णय एसोसिएशन की मीटिंग में लिया जाएगा। इससे पहले गुरुवार को टोंक-सवाई माधोपुर हाईवे पर अलीगढ़ कस्बे के पास लगे जाम को आज पुलिस ने खुलवा दिया। करीब 10 घंटे तक हाईवे का यह हिस्सा बंद रहा। टोंक के समरावता और अलीगढ़ कस्बे के आस-पास इलाकों में आज भी तनाव की स्थिति है। थप्पड़कांड के आरोपी नरेश मीणा को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा। इसके लिए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। टोंक व आसपास के एरिया में करीब 4 हजार पुलिसवाले तैनात हैं। वहीं, गुरुवार को गिरफ्तारी के बाद नरेश मीणा को टोंक और फिर पीपलू ले जाया गया। उसे रातभर पीपलू थाने में ही रखा गया है।
आखिर क्यों हो रहा है बवाल…
दरअसल, देवली-उनियारा विधानसभा के समरावता (टोंक) गांव में उपचुनाव में वोटिंग का बहिष्कार किया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा भी ग्रामीणों के साथ धरने पर थे। इसी दौरान नरेश मीणा ने अधिकारियों पर जबरन मतदान करवाने का आरोप लगाया। एसडीएम अमित चौधरी ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्हें थप्पड़ मार दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने वोटिंग का टाइम खत्म होने के बाद पोलिंग पार्टियों को भी रोकने की कोशिश की। गुस्साए लोगों ने SP विकास सांगवान की गाड़ी भी तोड़ दी। इस बीच पुलिस ने रात करीब 9.30 बजे नरेश मीणा को हिरासत में ले लिया। मीणा के समर्थकों को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, वे और भड़क गए। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण ने पुलिस जवानों को घेर लिया और मीणा को छुड़ाकर ले गए। पुलिस के लाठीचार्ज करने पर नरेश मीणा के समर्थक भड़क गए और पथराव-आगजनी कर दी। बवाल में 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इनमें 10 पुलिसवाले भी शामिल हैं। वहीं, गुरुवार सुबह करीब 9.30 बजे नरेश मीणा अचानक समरावता गांव पहुंचे और पुलिस पर मारपीट आरोप लगाए। दोपहर करीब 12 बजे नरेश मीणा को गिरफ्तार किया गया था।