बाड़मेर। जिले के चौहटन में किसान छात्रावास में बलदेव मिर्धा की प्रतिमा अनावरण समारोह में विधायक हरीश चौधरी ने स्पीच में कहा मेरे को वापस बायतु से विधायक बनाना है। विधायक बनने के जो पैमाने तय किए हुए है जो व्यक्ति संपर्क है। यहां से वापस जाकर 8-10 पूनम उजमन प्रोग्राम में शामिल होकर लोगों को व्यक्तिगत तौर पर खुश करूंगा। दिन के अंत में जब सोऊंगा तब वह पूरा आंकलन में करूंगा तो तब इमानदारी से वो मेरा काम नहीं है। मेरा काम है जो मैं बात कर रहा हूं जाे मैं महसूस कर रहा हूं समझ सकता हूं वो इमानदारी से अपने परिवार के अंदर रखों। अगर पूरे-पूरे 24 घंटे कई उपयोग किया है तो वो बीते 15-20 मिनट आप लोगों के बीच में, कई लोगों को लगा समय का दुरुपयोग है। लेकिन मैं अपने आप को सर्टिफिकेट आज की दिनचर्या में 15-20 मिनट इसे ही दूंगा। दरअसल, बलदेवराम मिर्धा किसान छात्रावास चौहटन में शुक्रवार दोपहर के समय किसान केसरी बलदेवराम मिर्धा की प्रतिमा का अनवारण समारोह महंत जगराम पुरी के सानिध्य में आयोजित हुआ। इसमें सांसद उम्मेदारा बेनीवाल, नागौर विधायक हरेंद्र मिर्धा, बायतु विधायक हरीश चौधरी, पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी, जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी, पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी, पूर्व विधायक पदमाराम मेघवाल, रूपाराम धनदे, कांग्रेस जिलाध्यक्ष गफूर अहमद, पूर्व जिलाध्यक्ष फतेह खान, उदाराम मेघवाल, प्रधान रूपाराम सारण सहित जनप्रतिनिधि उपस्थित रहें।
विधायक ने कहा- हिस्सेदारी और भागीदारी की बात करेंगे तो हम लोगों को जातिवादी घोषित कर देंगे
बायतु विधायक हरीश चौधरी अपने स्पीच में कहा कि मेरा मकसद इतना है कि यह हिस्सेदारी और भागीदारी की जो व्यवस्थाएं है वो व्यवस्था हम की दिशा में न जाए और वो मैं की दिशा में कैसे जाए, सिर्फ और सिर्फ उसमें में है। हम इस संदर्भ में बात करेंगे तो हम लोगों को जातिवादी घोषित कर देंगे। इस पर सवाल उताएंगे तो कहेंगे कि आप लोग जातिवादी हो। पूरा संघर्ष हमें जो पहले उस वक्त करना पड़ा उस समय तलवारों और बंदूकों के छाए के अंदर करना पड़ता था। आज हमें अलग छाए के अंदर करना पड़ रहा है। यह आने वाला वक्त कौन सा है इस वक्त के अंदर तार्किक, बौद्धिक, शारीरिक तौर पर मजबूत रहेंगे। आने वाला वक्त एआई का युग है। माइक्रो चिप्प का और ब्यूरों चिप के युग में कैसे हिस्सेदारी और भागीदारी रख पाएंगे। यह हमारे सामने बहुत बड़ी चुनौती है। चौधरी ने कहा कि दुनिया पर राज करने वाले बहुत गरुर करते थे, उन देशों और लोगों के क्या हश्र हुआ है जो वक्त को नहीं पहचान सकें। वक्त के अनुरूप नहीं जा पाए। आज सिकंदर की पीढी के अंदर दुनिया पर राज करते थे। ऐसे कई उदाहरण है। ऐसे हाल हमारे होने चाहिए या नहीं होने चाहिए इस सवाल के जवाब को ढूंढने में ही सही श्रद्धांजलि रहेगी बलदेवराम मिर्धा जी को। तहेदिल से मेरी यही गुजारिश करना चाहता हूं जल्दी मेरे को भी बहुत है।
हरीश चौधरी ने कहा- 8-10 प्रोग्राम में जाऊंगा व्यक्तिगत तौर पर लोगों को खुश करूंगा
हरीश चौधरी ने कहा कि मेरे को भी बायतु से वापस विधायक बनना है। विधायक बनने के जो पैमाने तय किए हुए और जो व्यक्तिगत संपर्क है साढ़े 11 बजे मैं यहां आया हूं। वापस जाकर 8-10 पूनम के ऊंजमनें में जाऊंगा। व्यक्तिगत तौर पर मैं भी लोगों को खुश करूंगा। दिन के अंत में जब सोऊंगा तब वह पूरा आंकलन में करूंगा तो तब इमानदारी से वो मेरा काम नहीं है। मेरा काम है जो मैं बात कर रहा हूं जाे मैं महसूस कर रहा हूं समझ सकता हूं वो इमानदारी से अपने परिवार के अंदर रखों। अगर पूरे-पूरे 24 घंटे कई उपयोग किया है तो वो बीते 15-20 मिनट आप लोगों के बीच में, कई लोगों को लगा समय का दुरुपयोग है। लेकिन मैं अपने आप को सर्टिफिकेट आज की दिनचर्या में 15-20 मिनट ही दूंगा।
विधायक ने कहा- असमानता को हटाकर समानता रखे
मेरा आप सबसे अंत में आग्रह है कि किसी को असमानता को स्वीकार नहीं करों, किसी भी तर्क-कुतर्क के अंदर उसको स्वीकार नहीं करों। हमारे खुद के अंदर जो असमानता है उससे शुरूआत करें। उसे स्वीकार करें। आज हम लोगों की सामंतीशाही सोच हो चुकी है। सामंतशाही और ठाकुर की बात करते है तो कोई जाति से जोड़ लेते है। सामंतशाही सोच इसलिए क्या हम महिला ओर पुरूष के अंदर भेदभाव रखते है या नहीं रखते है। उसका आंकलन हम लोगों को कर रहे है। तो उसका उत्तर रहेगा कि उस सामंतशाही सोच हम लोगों की है, उसके कारण हम लोग समानता नहीं रखते है। यह शुरूआत हमको खुद को करनी चाहिए। किसी भी प्रकार का भेदभाव हम लोग नहीं रखे है। साथ में लेकर आगे चले।