गुरला:-भीलवाडा 80 बटुकों का हुआ सामूहिक यज्ञोपवित संस्कार जिला पारीक परिषद के तत्वाधान में सिंदरी के बालाजी सांगानेर भीलवाड़ा में पूज्य आचार्य विजय कृष्ण पारीक के सानिध्य में संपन्न हुआ जिसमें समाज के सभी जनों ने उत्साह बटुकों ने अच्छा पूर्वक और विधि विधान से पवित्र धारण करके अपने आप को सौभाग्यशाली होने का अनुभव किया। भीलवाड़ा पारीक पारीक परिषद के तत्वावधान में यह पहला सामुहिक यज्ञोपवीत संस्कार का बहुत ही दिव्य आयोजन हुआ । जिला पारीक परिषद के अध्यक्ष भेरुलाल जोशी बताया कि बटकों का एक उपयोग संस्कार वैदिक विधान से संपन्न कराया गया जिसमें पंचांग पूजन के पश्चात बटुकों का दस विधि स्नान संपन्न करा कर फिर बटकों को यज्ञोपवीत धारण कराया गया जिसमें विद्वान ब्राह्मणों की सन्निधि रही ।वैदिक धर्म में यज्ञोपवीत दशम संस्कार है। इस संस्कार में बटुक को गायत्री मंत्र की दीक्षा दी जाती है और यज्ञोपवीत धारण कराया जाता है। यज्ञोपवीत का अर्थ है यज्ञ के समीप या गुरु के समीप आना। यज्ञोपवीत एक तरह से बालक को यज्ञ करने का अधिकार देता है। शिक्षा ग्रहण करने के पहले यानी, गुरु के आश्रम में भेजने से पहले बच्चे का यज्ञोपवीत किया जाता था। भगवान रामचंद्र तथा कृष्ण का भी गुरुकुल भेजने से पहले यज्ञोपवीत संस्कार हुआ था।
भिक्षाटन कर बटुकों ने किया गुरु को अर्पण
यज्ञोपवीत संस्कार से पूर्व बटुकों का मुंडन करवाया गया। बाद में विधि-विधान से भगवान गणेश सहित देवताओं का पूजन, यज्ञवेदी एवं बटुकों को अधोवस्त्र के साथ माला पहनाकर बैठाया गया। इसके बाद विनियोग मंत्र ब्रह्मचर्य के पालन की शिक्षा के साथ विभिन्न धार्मिक आयोजन संपन्न हुए। गायत्री मंत्र की दीक्षा देने के बाद बटुकों ने भिक्षा लेकर गुरु को अर्पण की। इसके बाद गुरु ने उनके कानों में गुरु मंत्र दिया। कार्यकारी अध्यक्ष महेंद्र पारीक ने बताया कि ने इस सफल आयोजन से समाज संस्कार और संस्कृति व्याप्त होगी जिससे बटुकों में आचरण और संयम में वृद्धि होगी। जिला पारीक परिषद के सभी कार्यकर्ताओं बधाई देते हुए कहा कि पारीक समाज आगे भी इस तरह के आयोजन करता रहेगा, समाज का सामुहिक रूप से कोई भी कार्यक्रम करने से पैसों की बर्बादी नहीं होती है बहुत कम शुल्क में कार्यक्रम संपन्न हो जाता है, अतः आने वाले समय में इसी तरह से कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे महामंत्री सुनील जोशी ने बताया कि इस कार्यक्रम में वृंदावन से महामंडलेश्वर एवं काशी से डॉक्टर विजय कुमार शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में मंच पर उपस्थित होकर बटुकों को यज्ञोपवीत संस्कार के महत्व के बारे में बताया जिससे बालक यज्ञोपवीत के महत्व को जानकर समझकर और उसके विधान के साथ उसका पालन करेंगे। कोषाध्यक्ष ब्रजमोहन पारीक आयोजन समिति संयोजक राधेश्याम पारीक छापरी नरेश पारीक बरदीचंद पारीक रूपाहेली बृजेश पारीक सुरेन्द्र पोलिया भावना पुरोहित महिला अध्यक्ष सीमा पारीक महिला युवा अध्यक्ष शिवेंद्र पारीक शहर अध्यक्ष आशा पारीक महिला शहर अध्यक्ष एवं समस्त ब्लॉक (तहसील) अध्यक्ष एवं समस्त कार्यकारिणी, पदाधिकारी एवं सदस्यगण मुख्य रूप से उपस्थित थे ।अंत में कार्यक्रम में उपस्थित सभी सज्जनों का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन आचार्य विजय कृष्ण पारीक ने किया।